नई दिल्ली । दिल्ली में मॉनसून से पहले किए गए एक सर्वे में उत्तरी दिल्ली में करीब 700 इमारतों को खतरनाक घोषित किया गया था। उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में चार मंजिली इमारत के गिरने की घटना के बाद पुरानी इमारतों एवं अन्य संरचनाओं की सुरक्षा की ओर ध्यान खींचा है। इमारत गिरने की घटना में 7 और 12 साल के दो लड़कों की मौत हो गई थी। माना जाता है कि इमारत 75 साल पुरानी थी और इमारत के भूतल का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा था जबकि शेष हिस्से में रिहायश थी। बच्चों की पहचान सौम्य (12) और प्रशांत गुप्ता (07) के तौर पर हुई है। वे पुरानी दिल्ली के रोशनआरा रोड के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, उनके पिता नितिन गुप्ता (38) सदर बाजार की एक दुकान में काम करते हैं जबकि उनकी मां गृहणी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार को गिरी यह इमरात पुराने रॉबिन सिनेमा के सामने स्थित थी, उसके आस पास 75 साल पुरानी और छोटी इमारतें स्थित हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी संरचनाओं की पहचान करने और उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए मई-जून में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सभी छह जोनों में एक मॉनसून पूर्व सर्वेक्षण किया गया था। उत्तर दिल्ली नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि इस सर्वे के दौरान 699 संरचनाओं को खतरनाक स्थिति में पाया गया था और 444 ऐसे इमारतों की पहचान की गई जिनमें आवश्यक मरम्मत करना था। उन्होंने बताया कि सर्वे में सिविल लाइंस जोन में 89 ऐसी इमारतों की पहचान की गई जो खतरनाक थी, इसके अलावा वार्ड नंबर 13 में 20 ऐसी इमारतों की पहचान की गई जो खतरनाक थी। उन्होंने बताया कि इसी वार्ड में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। बैजल ने कई ट्वीट में कहा कि सब्जी मंडी इलाके में इमारत ढहने की दुखद घटना से दुखी हूं। इस घटना में मारे गए बच्चों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। उन्होंने अधिकारियों को विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में योजना और इंजीनियरिंग समाधान सहित आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इमारत उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइंस जोन के मलका गंज वार्ड में स्थित थी। उत्तरी दिल्ली के नगर आयुक्त संजय गोयल ने कहा कि इमारत गिरने के कारणों की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
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उत्तरी दिल्ली में करीब 700 खतरनाक इमारतों की हुई पहचान