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 लव ‎जिहाद और आतंकवाद को लेकर भाजपा ने केरल के मुख्यमंत्री विजयन को घेरा - भाजपा ने कहा, मुख्यमंत्री आतंकवाद की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं? वह किससे डरते हैं? 

 लव ‎जिहाद और आतंकवाद को लेकर भाजपा ने केरल के मुख्यमंत्री विजयन को घेरा - भाजपा ने कहा, मुख्यमंत्री आतंकवाद की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं? वह किससे डरते हैं? 

नई दिल्ली । लव जिहाद और आतंकवाद को लेकर अब भारतीय जनता पार्टी ने लेफ्ट सरकार पर हमला बोला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य पीके कृष्ण दास ने राज्य में आतंकवाद और 'लव जिहाद' के मुद्दे पर चुप्पी को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर निशाना साधा और कहा कि आखिर वह किसे डरे हुए हैं और चुप क्यों हैं। कोच्चि में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा नेता पीके कृष्ण दास ने कहा कि केरल में बड़े पैमाने पर आतंकवाद के को लेकर मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? केरल के सामाजिक ताने-बाने पर आतंकवाद का गंभीर असर हो रहा है। मुख्यमंत्री आतंकवाद की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं? वह किससे डरते हैं? मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि केरल में आतंकवाद और लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री का जवाब जो उन्हें नहीं पता है, अभी स्पष्ट किया जाना है। अगर मुख्यमंत्री अनजान हैं, तो उन्हें डीजीपी या इंटेलिजेंस डीजीपी से बात करनी चाहिए। 
पाला के पास एराट्टुपेटा नगरपालिका में वाम-जिहादी गठबंधन कल अस्तित्व में आया। एसडीपीआई सदस्य के वोटों के साथ माकपा नगरपालिका पर शासन करने जा रही है। यह एक दिवसीय गठबंधन नहीं है। पाला में बिशप के घर तक उनका मार्च इस बात का सबूत है कि उनके पास पहले से ही एक समझ थी। यह गठबंधन राष्ट्र के लिए खतरनाक है। माकपा आतंकवादी संगठनों के साथ गठबंधन कर रही है। अगले लोकसभा चुनाव में केरल में फिर से गठबंधन होने की संभावना है। माकपा के अखिल भारतीय नेतृत्व को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। अगर वे आतंकवादियों के साथ हैं, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से ऐसा कहना चाहिए।गौरतलब है ‎कि कैथलिक बिशप जोसेफ कल्लारंगत द्वारा कथित नारकोटिक जिहाद पर दिए गए विवादास्पद बयान से केरल में बवाल है। इसी बयान के संदर्भ में भाजपा ने केरल सरकार पर हमला बोला है। 9 सितंबर को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बिशप ने कहा था कि नार्कोटिक और लव जिहाद के तहत गैर मुस्लिम लड़कियों, खासकर ईसाई समुदाय की लड़कियों का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जा रहा है, उनका शोषण किया जा रहा है और आतंकवाद जैसी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता मगर वे धर्म की आड़ में होते हैं। माकपा और कांग्रेस इसके जाल में फंस गए हैं। आतंकवाद से लड़ने के लिए सभी धर्मों को एकजुट होना चाहिए। यह दो धर्मों के बीच की कोई समस्या नहीं है। इसे एक धार्मिक मुद्दे के रूप में चित्रित करने के लिए यह एसडीपीआई का एजेंडा है। माकपा और कांग्रेस के नेता उनके मेगाफोन और कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे हैं।
 

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