नई दिल्ली । सुपरेटक एमरॉल्ड सोसाइटी में बने दोनों टावरों समेत पूरे भूखंड का ड्रोन सर्वे कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार मंगलवार को कर ली गई थी। अब ड्रोन से संबंधित थ्रीडी रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट एसआईटी को भेजी जाएगी। इसके अलावा सीबीआरआई भी इसकी मदद लेगी। सुपरेटक एमरॉल्ड कोर्ट प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश को मंगलवार को 15 दिन का समय हो गया। कोर्ट ने मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर फैसला सुनाया था। इनमें फ्लैट मालिकों के दो महीने में पैसा लौटाने व आरडब्ल्यूए को हर्जाने के रूप में एक महीने में दो करोड़ रुपए देने, तीन महीने में बने ट्विन टावर को ध्वस्त करने और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। फ्लैट मालिकों को पैसा लौटाने के मामले को छोड़ दें तो बाकी दोनों मामलों में प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ संभवत: इसी सप्ताह से कार्रवाई होनी शुरू हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नियमों की अनदेखी कर बिल्डर को फायदा पहुंचाने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई के आदेश दिए थे। आदेश के दिन ही नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने दोनों एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी थी। कमेटी ने आठ अधिकारियों को दोषी मान शासन को रिपोर्ट भेज दी थी। इसी बीच मुख्यमंत्री ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने पिछले सप्ताह नोएडा प्राधिकरण में रहकर जांच की थी। सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन में एसआईटी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप देगी। ऐसे में संभावना है कि इसी सप्ताह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी। बनने थे लेकिन 33 मंजिल ही बन पाए। इन टावरों को गिराने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कोर्ट ने अपने फैसले पर सीबीआरआई या किसी अन्य एजेंसी की मदद लेने का आदेश दिया था। सीबीआरआई के निदेशक व एक अन्य अधिकारी ने मौके पर आकर स्थिति देख ली है और एक सप्ताह में कार्ययोजना सौंप देंगे।
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सुपरेटक एमरॉल्ड मामला ड्रोन सर्वे की थ्रीडी रिपोर्ट तैयार