बच्चों को पढ़ाते समय आप खुद भी उनके साथ पढ़ें। इससे बच्चे की नजर में आपकी छवि एक बेहतर पैरंट की बनती है। साथ ही ऐसा करने से आप बच्चे के प्रति कठोर बनने से बच जाते हैं। इसके अलावा आपका बच्चा भी हाइपरऐक्टिव होने से बच जाता है और बच्चे को ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलती है। ऐसा एक रिसर्च में सामने आया है। माता-पिता के लिए अपने बच्चे के साथ दैनिक आधार पर पढ़ने की सरल दिनचर्या न केवल बच्चों के लिए शैक्षणिक आधार पर बल्कि भावनात्मक आधार पर भी लाभ प्रदान करती है जो बच्चे की सफलता को बढ़ाने में मदद कर सकती है। स्टडी के नतीजों में सामने आया कि 1 से 3 साल तक जब बच्चे पढ़ते नहीं है तब पैरंट्स ज्यादा कठोर माता-पिता कहलाते हैं जबकि 3 से 5 साल तक जब वे बच्चे के साथ पढ़ने लगते हैं तो इस वक्त से माता-पिता कम कठोर साबित हुए। अध्ययन के लिए शोध दल ने अमेरिका के 20 बड़े शहरों के 2,000 से अधिक मां और बच्चे के जोड़े की समीक्षा की, जिसमें महिलाओं से पूछा गया था कि वह अपने बच्चे को 1 और 3 साल की उम्र में कितनी बार पढ़ाती हैं। सभी मां का दो साल बाद फिर इंटरव्यू लिया गया। इस बार शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर किस तरह का व्यवहार अपनाया, इस बारे में जानकारी ली गई। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और रटगर्स विश्वविद्यालय में सहायक प्रफेसर मैनुअल जिमेनेज़ ने कहा कि हमारी स्टडी के नतीजे सकारात्मक अभिभावक कौशल विकसित करने के लिए माता-पिता की काफी मदद कर सकते हैं।