नई दिल्ली । विदाई की बेला में मानसूनी बारिश ने देश के कई राज्यों को तबाह कर रखा है। इस बारिश के कारण बने बाढ़ से अनेकों लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ताजा अपडेट में इस बारे में जानकारी दी गई है। 1 जून को देश में मानसून आने के बाद से कई राज्य बाढ़ के गिरफ्त में हैं। असम, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण आए बाढ़ से हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। वहीं बारिश के कारण उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आई।
गुजरात के कुछ इलाकों में तो भारी बारिश के कारण पानी ही पानी नजर आ रहा है। रेलवे ट्रैक तक पानी में डूब गया है। वहीं महाराष्ट्र के पालघर और पुणे समेत कई बड़े जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मानसून की बारिश के कारण गंगा, कोसी, भागमती, गंडक सहित अनेकों नदियों का जल स्तर बढ़ गया। इससे असम के 22 जिले, बिहार के 36, उत्तर प्रदेश के 12 और पश्चिम बंगाल और झारखंड के भी जिले प्रभावित हुए। वहीं ओडिशा में भारी बारिश के कारण महानदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे राज्य के 21 जिलों से 21 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं चार लोगों की मौत भी दर्ज हुई है और दो लोग लापता हैं। यह जानकारी बुधवार को विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने दी। मानसून की भारी बारिश से कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, खुर्दा, पुरी, जयपुर, भद्रक और बालेश्वर जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं।
बता दें कि असम में अब बाढ़ के हालात में सुधार है। राज्य में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या में कमी हो रही है। केंद्रीय जल आयोग ने अपने बयान में कहा कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां पूरे राज्य में खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।
रीजनल ईस्ट
ओडिशा और गुजरात सहित कई राज्यों में मानसूनी बारिश का कहर जारी