पुणे । अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या मामले में पुणे की विशेष अदालत ने पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में दक्षिणपंथी कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच कर रहा है।एक बार आरोप तय होने के बाद आपराधिक मुकदमा शुरू होता है।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष अदालत के न्यायाधीश) एसआर नवंदर ने आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े, सचिन अंदुरे, शरद कालस्कर, संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे से पूछा कि क्या वे आरोप स्वीकार करते हैं,तब उनमें किसी ने आरोप स्वीकार नहीं किया।तावड़े, कालस्कर और अंदुरे जेल से वीडियो-कॉन्फ्रेंस के द्वारा अदालत में पेश होकर उन्होंने अदालत से समय मांगा कि वे अपने वकीलों के साथ मामले पर चर्चा करना चाहते हैं।हालांकि अदालत ने उनका अनुरोध खारिज कर दिया।अन्य दो आरोपी पुनालेकर और भावे सुनवाई के समय अदालत मे मौजूद थे।
अदालत ने आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े, सचिन अंदुरे, शरद कालस्कर, संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 16 (एक ही भावना से किसी कृत्य को अंजाम देना), शस्त्र अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं और सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 के तहत आरोप तय किए हैं।पुनालेकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूतों को मिटाना या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।सीबीआई के वकील और विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने बाद में बताया कि आरोप तय हो गए हैं और मामले में सुनवाई के लिए आगे की कार्यवाही 30 सितंबर को होगी।
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डॉ. दाभोलकर की हत्या मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप तय, अगली सुनवाई 20 सिंतबर को