काबुल । युद्धग्रस्त राष्ट्रों में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा है कि 2021 में संघर्ष के कारण 6,34,000 से अधिक अफगान आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं। इनमें से 2,82,246 विस्थापित लोगों को सहायता मिल पाई, जबकि शेष को कोई सहायता नहीं मिली। विस्थापन का महिलाओं और बच्चों के जीवन पर सबसे अधिक असर पड़ा है, क्योंकि उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं और स्कूली शिक्षा तक पहुंच नहीं है।
अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबानियों को मान्यता दिलाने के लिए पाकिस्तान ने कूटनीति अभियान शुरू किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को अपने पहले पड़ाव दुशांबे में ही करारा झटका लगा, जब ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने साफ-साफ कहा कि वह उत्पीडऩ से बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे। रहमोन अपने देश की सीमाओं पर तालिबान के मंडराते खतरे को लेकर बेहद चिंतित हैं। रूस ने भी ताजिकिस्तान में अपने सैन्य अड्डे पर नई हथियार प्रणालियां भेजी हैं।
चीन ने कहा वह अफगानिस्तान में हालात पर चर्चा के लिए मध्य एवं दक्षिण एशियाई देशों के नेताओं की एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन करेगा। चीन और रूस के वर्चस्व वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों की बैठक गुरूवार को निर्धारित है। अफगानिस्तान समूह का पर्यवेक्षक सदस्य है, लेकिन यह साफ नहीं है कि तालिबान नेतृत्व का कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होगा या नहीं।
वर्ल्ड
अफगान संकट के दौरान 6,34,000 से अधिक अफगान विस्थापित हुए