मुम्बई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जिस तरह से शुक्रवार को एक समारोह में केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे समेत कुछ नेताओं को पूर्व और संभावित भावी सहयोगी कहकर संबोधित किया, उससे महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव की अटकलों ने जन्म लिया है। भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन की अटकलों पर संजय राउत ने सबकुछ स्पष्ट कर दिया है। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार पांच साल तक सत्ता में रहने के लिए प्रतिबद्ध है और भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि शिवसेना किसी की पीठ में छुरा नहीं घोंपती। बता दें कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के साथ रिश्ते तोड़ लिए थे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। भाजपा के साथ संभावित गठबंधन पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार 5 साल तक सत्ता में रहने के लिए प्रतिबद्ध है। शिवसेना अपने वादों पर काम करती है। अगर किसी को सीएम (भविष्य के मित्र) की टिप्पणी पर खुशी हो रही है, तो इसे 3 साल के लिए रहने दें। शिवसेना किसी की पीठ में नहीं छुरा घोंपती। बता दें कि बीजेपी और शिवसेना के साथ आने की अटकलें पहले भी लगाई जा चुकी है, मगर इस बार इशारा उद्धव की ओर से था। इसलिए मामले की गंभीरता बढ़ गई और सियासी हवाबाजी शुरू हो गई। दरअसल, शुक्रवार को समारोह के दौरान मंच पर उपस्थित नेताओं को उद्धव ठाकरे ने ‘मेरे पूर्व, वर्तमान और अगर हम साथ में आते हैं तो भावी सहयोगी कहकर संबोधित किया।’ कार्यक्रम में महाराष्ट्र के भाजपा नेता दानवे और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट मंच पर मौजूद थे। बाद में एक अन्य समारोह में संवाददाताओं से बातचीत में ठाकरे ने साफ किया कि उन्होंने पूर्व और वर्तमान सहयोगी इसलिए कहा था क्योंकि मंच पर सभी दलों के नेता थे। उन्होंने कहा,‘अगर सब साथ आते हैं तो वे भावी सहयोगी भी बन सकते हैं। समय बताएगा।’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि उन्हें अब और प्रदेश का पूर्व मंत्री नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि चीजें बदल रही हैं। ठाकरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने किसी अन्य स्थान पर संवाददाताओं से कहा कि ठाकरे को मान लेना चाहिए कि शिवसेना के राकांपा और कांग्रेस के साथ अस्वाभाविक गठबंधन की वजह से राज्य को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,‘उन्हें यह समझकर अपनी बात रखनी चाहिए कि वह किस तरह के लोगों के साथ काम कर रहे हैं। राजनीति में सब कुछ संभव है, लेकिन राज्य भाजपा की आंख सत्ता पर नहीं है। हम एक सक्षम विपक्षी दल हैं और अपना काम करते रहेंगे। शिवसेना नेता संजय राउत ने ठाकरे के बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का भाव प्रदर्शित करते हुए कहा था कि दानवे सभी के दोस्त हैं। उन्होंने कहा,‘जब वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे तो सब कुछ ठीक था। इस बयान में ऐसा कुछ नहीं है जिससे धरती हिल गई हो। जो हमारे साथ आना चाहते हैं, आ सकते हैं और भावी साथी बन सकते हैं। इसमें ज्यादा मतलब नहीं निकालना चाहिए।’ राउत ने यह दावा भी किया कि उन्हें पता चला है कि चंद्रकांत पाटिल को भाजपा ने नगालैंड के राज्यपाल के पद की पेशकश की है।