नई दिल्ली । हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हरियाणा और दिल्ली सीमा (राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर) रास्ते खुलवाने को लेकर गठित राज्य स्तरीय समिति आंदोलनकारी किसानों और विभिन्न किसान संगठनों से 19 सितंबर को सुबह 11 बजे सोनीपत जिले के मुरथल स्थित डीसीआरयूएसटी सभागार में बातचीत करेगी। इस बैठक में बातचीत के लिए विभिन्न 43 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसमें पुलिस महानिदेश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) और कई अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। सोनीपत के उपायुक्त ललित सिवाच द्वारा नाकेबंदी को लेकर किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के एक दिन बाद हरियाणा सरकार ने बुधवार को समिति का गठन किया था। मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने एक रिट याचिका पर विचार करते हुए सोनीपत जिला प्रशासन से जनहित में आम लोगों को रास्ता मुहैया कराने को कहा है। इन आदेशों के अनुपालन में सिवाच ने मंगलवार को सोनीपत में किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने संवाददाताओं से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नाकेबंदी के कारण आम लोगों को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए समिति रास्ता खोलने पर संयुक्त किसान मोर्चा से बातचीत करेगी समिति के सदस्यों में पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) शामिल हैं। मंगलवार को सोनीपत के डीसी ने किसानों से कहा था कि नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सोनीपत जिले में कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान आम लोगों को रास्ता दें और सड़क के एक तरफ शिफ्ट हो जाएं। अदालत ने पिछले महीने कहा था कि केंद्र और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सड़क अवरोधों का समाधान खोजना चाहिए।