कोलकाता । पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान मेगा रैलियां करने वाली भाजपा इस बार भवानीपुर उपचुनाव में नई रणनीति अपना रही है। भवानीपुर सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर सुवेंदु अधिकारी से चुनाव हार गईं थी। भवानीपुर सीट से भाजपा की ओर से प्रियंका टिबरवाल ममता को टक्कर दे रही हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान मेगा रैलियां करने वाली भाजपा ने इस बार रैलियों से अपना फोकस हटा लिया है।
भवानीपुर में भाजपा नेता अब घर-घर जा रहे हैं और मतदाताओं से बात कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि बंगाल में चुनाव बाद हिंसा से सबक लेते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति बदली है। दिलीष घोष ने कहा कि इस बार चुनाव प्रचार की हमारी रणनीति साइलेंट है। अगर हम मीडिया के साथ प्रचार करते थे तो बाद में टीएमसी के कार्यकर्ता वहां पहुंच जाते थे और लोगों को धमकाते थे। इसलिए हमलोग रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। हमारे नेता-कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं। दिलीष घोष ने कहा चुनाव के बाद हिन्दी बोलने वालों और गैर बगांलियों को निशाना बनाया गया, उन्हें धमकी दी गई, उनके घर और कार तोड़ दिए गए, वे डरे हुए हैं। अगर फिर से वहां जाते हैं तो उन्हें फिर से घमकाया जाएगा, इसलिए हमने नई रणनीति अपनाई। हम रैलियां नहीं कर रहे हैं, हम लोगों से मिल रहे हैं।
भवानीपुर में 30 सितंबर को मतदान है। जबकि वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि कॉरपोरेशन चुनाव से पहले टीएमसी दहशत का माहौल बना रही है, ताकि लोग इन चुनावों में अपना वोट नहीं डाल सकें। सीएम ममता बनर्जी द्वारा यह कहने पर कि देश को तालिबानी मानसिकता से बचाने की जरूरत है, दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल में चुनाव के बाद जो हुआ वह तालिबानी मानसिकता है, भारत में कही भी विपक्ष को इस तरह प्रताड़ित नहीं किया जाता, यहां पुलिस चुप है। अभी जो बंगाल की स्थिति है और अफगानिस्तान की जो स्थिति है उसमें कोई अंतर नहीं है।
रीजनल ईस्ट
टीएमसी की ज्यादतियों से बचने के लिए रैलियों की जगह अब निजी संपर्क पर जोर, घर-घर जा रहे भाजपा कार्यकर्ता