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 पाकिस्तान में बौद्ध विरासत के नष्ट होने पर श्रीलंका ने जताई नाराजगी, प्रभावित हो सकते हैं द्विपक्षीय संबंध

 पाकिस्तान में बौद्ध विरासत के नष्ट होने पर श्रीलंका ने जताई नाराजगी, प्रभावित हो सकते हैं द्विपक्षीय संबंध

इस्लामाबाद । पाकिस्तान में बौद्ध विरासत स्थलों को नष्ट किए जाने पर श्रीलंका ने नाराजगी जताई है। इसकी वजह से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों प्रभावित हो सकते हैं। पाकिस्तान की स्वात घाटी में विरासत स्थलों में बौद्ध नक्काशी, स्तूपों और बुद्ध की मूर्तियों का विध्वंस किया गया है। इसके अलावा, चीन की मदद से बनाए जा रहे डायमर-भाषा बांध परियोजना-सह जलविद्युत संयंत्र पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बौद्धशैली की 30,000 नक्काशी और मूर्तियों को नष्ट करके बनाया जा रहा है।
2020 में पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में बुद्ध की 1,700 साल पुरानी एक मूर्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। मूर्ति विध्वंस का वीडियो वायरल होने के बाद नागरिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चिंता व्यक्त की। हालांकि, कई पाकिस्तानी नागरिकों ने इस दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य का समर्थन भी किया है।
कुछ महीने पहले पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की बात कही थी। उन्होंने इस्लामाबाद में श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षुओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान संबंधों को मजबूत करने के लिए धार्मिक पर्यटन पर जोर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान सरकार देश में बौद्ध विरासत स्थलों को धार्मिक कट्टरपंथियों से बचाने में विफल रही है।
इस घटना ने अफगानिस्तान की बामियान घाटी में 2000 साल पुरानी बुद्ध की दो विशाल मूर्तियों के विनाश की भयानक यादों को ताजा कर दिया है। इसका असर पाकिस्तान सरकार की धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर असर पड़ना तय है। इसके साथ ही इसका द्विपक्षीय सहयोग संबंधों पर भी विपरीत असर पड़ सकता है।
पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। इसके कारण, ज्यादातर पर्यटक वहां जाने से परहेज करते हैं। अब धार्मिक संरचनाओं के विध्वंस की वजह से धार्मिक वजहों से पाकिस्तान की यात्रा करने वालों की संख्या भी कम हो गई है। इस्लामाबाद के लिए पड़ोसी देशों विशेष रूप से बौद्ध-बहुल श्रीलंका के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की चुनौती पैदा कर दी है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मुस्लिमों सहित सभी कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने के श्रीलंका सरकार के फैसले में हस्तक्षेप ने स्थानीय बौद्ध आबादी को नाराज कर दिया था।
 

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