राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा में गुर्जर आरक्षण को लेकर विधेयक पेश किया। गुर्जर सहित पांच जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह विधेयक सदन में सर्व सम्मति से पारित किया गया है। जल्द ही गहलोत सरकार नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधान विधेयक को कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने सदन में रखा। इस विधेयक के बाद सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में गुर्जर सहित 5 जातियों को आरक्षण का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। राजधानी जयपुर में सीएमओ में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में गुर्जर आरक्षण विधेयक पर विस्तृत चर्चा की गई, मंत्रिपरिषद में इसकी स्वीकृति दी गई। मंत्रिपरिषद में 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण बिल पर भी चर्चा हुई। गुर्जर आरक्षण बिल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो सकता है, भाजपा सदन में इसका समर्थन करेगी। विधानसभा में आरक्षण बिल पारित होने के बाद गुर्जर आरक्षण आंदोलन खत्म होने की संभावना भी जताई गई। खेल मंत्री अशोक चांदना ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश के हित में और गुर्जर समाज के हित में अच्छा फैसला होगा, इंतजार कीजिए, विधानसभा में अच्छा फैसला होगा, विधानसभा में पेश होने तक इंतजार कीजिाए, कुछ औपचारिकताएं हैं जिन्हें पूरा किया जा रहा है।
आरक्षण बिल पर नहीं माने गुर्जर नेता
-कहा नोटिफिकेशन नहीं बल्कि स्पष्ट आरक्षण मिले
मंत्रीपरिषद और नेतओं के कयासों को गलत ठहराते हुए गुर्जर समाज पटरी से हटने को तैयार नहीं है। सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में ट्रैक पर बैठे राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है जब तक विधिवत रूप से आरक्षण नहीं मिल जाता आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। समिति के प्रवक्ता विजय बैंसला ने कहा है कि समाज को विधेयक पारित होने या नोटिफिकेशन जारी होने से नहीं बल्कि कानूनी तौर पर पूरी तरह से स्पष्ट 5 प्रतिशत आरक्षण चाहिए। वहीं सरकार ने विधानसभा में जहां विधेयक पेश किया है वहीं पटरी पर गुर्जरों से वार्ता के लिए प्रशासनिक टीम को भी समझाइश के लिए भेजा। सरकार की ओर से गुर्जरों से वार्ता के लिए पहुंचे आईएएस अफसर नीरज के पवन बताते है कि सरकार की मंशा साफ है। गुर्जर समाज के समक्ष सरकार ने विधानसभा में त्वरित रूप से विधेयक पेश करते हुए सकारात्मक पहल की है।