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खरगोन जिला जल अभावग्रस्त घोषित होने के बाद भी धड़ल्ले से हो रही निर्माणाधीन भवनों में पानी की बर्बादी

खरगोन जिला जल अभावग्रस्त घोषित होने के बाद भी धड़ल्ले से हो रही निर्माणाधीन भवनों में पानी की बर्बादी

जिले में गहराते जलसंकट और पानी के जलस्त्रोत देजला-देवाडा ओर खारक बांध के गिरते जलस्तर को देखते हुए कलेक्टर ने देजला देवाडा बांध से नपा के वाटर वक्र्स तक आने वाले पानी से सिंचाई पर पाबंदी लगा कर  कलेक्टर गोपाल डाट ने संपूर्ण खरगोन जिले को 30 जून तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। वही खरगोन नगर में बिस्टान रोड पर निर्माणाधीन कांपलेक्स के अलावा नगर के सैकड़ों स्थानों पर भवन निर्माण एवं कांप्लेक्स निर्माणों में हजारों गैलन पानी का उपयोग किया जा रहा है जिस पर प्रशासन द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिले में बहने वाली नदियों नर्मदा नदी को छोड़कर तथा नालों एवं सार्वजनिक जल स्त्रोतो से पेयजल एवं निस्तार के उपयोग के अतिरिक्त सिचांई तथा अन्य प्रयोजनो के लिये जल का उपयोग प्रतिबंधित है। खरगोन नगर के लाखों लोगों के कंठो की प्यास बुझाने वाली देजला देवड़ा डैम एवं खारक परियोजना में बांध में पानी लगभग समाप्त होने वाला है यदि समय रहते वर्षा नहीं हुई तो खरगोन सहित जिले में पेयजल से संबंधित विकराल समस्या उत्पन्न हो जाएगी उल्लेखनीय है कि बीते कई वर्षों से खरगोन में नर्मदा के जल की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा आश्वासन के बाद अब तक खरगोन वासियों को नर्मदा का पेयजल नहीं मिल पा रहा है वही खरगोन मे पेयजल संकट का निराकरण के लिये कलेक्टर ने बॉंध के डेड वाटर को 60 एच.पी. के दो मोटर पम्प लगाकर पानी को संतोषी माता जल यंत्रालय बैराज में लाना है। बैराज से खारक/देजला देवाड़ा बांध तक कुन्दा नदी के पानी का उपयोग कृषको द्वारा कृषि कार्य में विद्युत मोटर पम्प लगाकर किया जाता पाया गया तो विद्युत मोटर पम्प राजसात कर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही भी की जावेगी। 

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