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 दिल्ली में पिछले 6 सालों के मुकाबलें इस साल सितंबर में डेंगू के सबसे कम मामले आए : सत्येंद्र जैन

 दिल्ली में पिछले 6 सालों के मुकाबलें इस साल सितंबर में डेंगू के सबसे कम मामले आए : सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली । स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली मे बढ़ रहे डेंगू को लेकर कहा कि पिछले 6 सालों के मुकाबले इस साल सितंबर में डेंगू के सबसे कम मामले आए हैं दिल्ली सरकार का 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट अभियान डेंगू की रोकथाम में कारगर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकेर्ट के इस फैसले से सच की हुई जीत हुई है। इससे दिल्ली सरकार को कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गंवाने वाले लोगों को न्याय देने में मदद मिलेगी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री जैन ने बुधवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर 2021 तक दिल्ली में 87 केस पाए गए हैं। जबकि पिछले सालों में सितंबर महीने के दौरान डेंगू के 2020 में 188 केस, 2019 में 190 केस, 2018 में 374 केस, 2017 में 1103 केस, 2016 में 1300 केस और 2015 में 6775 पाए गए थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सितंबर, अक्टूबर और नवम्बर में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी होती है। दिल्ली सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए पूरी तरह तैयार है। घर-घर पर अधिकारी डेंगू की जांच करने जा रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट अभियान बड़े स्तर पर चला रही है। पिछले दो सालों में यह अभियान डेंगू की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने में बेहद ही कारगर साबित हुआ है। 
श्री जैन ने कहा कि डेंगू का मच्छर घरों में या उसके आस-पास साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है। इस अभियान की मदद से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डेंगू के मच्छरों के अंडे बनने से लेकर वयस्क होने तक का जीवन चक्र 10 दिन का ही होता है। उन्होंने लोगों से हफ्ते में 10 दिन 10 मिनट का समय लगाकर अपने आस-पास ठहरे हुए पानी को फेंकने या उसे साफ करने की अपील की। उन्होंने कहा कि गुलदान, कूलर, घरों की छत को अच्छे से जांच ले और साफ करे। 10 मिनट हर हफ्ते दिल्ली का हर नागरिक अगर ऐसा करे तो पिछली बार की तरह इस बार भी हम डेंगू पर जीत हासिल कर सकते हैं।
ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस पर काफी राजनीति की है। उन्होंने संसद में भी यह कह दिया की देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन से हुई मौतों का पता लगाने व पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी बनाई थी, जिसको केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से रुकवा दिया था। हाईकोर्ट ने भी कहा है कि दिल्ली सरकार की यह कमेटी बिल्कुल जायज़ है और इसमें कुछ गलत नहीं है। दिल्ली सरकार की इस ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी में कोई भी आवेदन कर सकता है। इन आवेदनों की सरकार जांच करेगी और  5 लाख तक का मुआवजा देगी। मीडिया भी लाइव रिपोर्टिंग कर ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जानकारी दे रही थी। लेकिन केंद्र सरकार ऑक्सीजन से हुई मौतों को छुपाना चाहती थी। केंद्र सरकार ने त्रासदी के दौरान यह करके बहुत गलत किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब दिल्ली सरकार ऑक्सीजन से हुई मौतों की जांच करने और पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी बना सकेगी। इससे उन लोगों को न्याय मिलेगा जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट में अपनी जान गंवाई।
 

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