देहरादून । उत्तराखंड राज्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सुरक्षित प्रदेश है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के (एनसीआरबी)की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। अगर केवल साइबर अपराध के मामलों को छोड़ दिया जाए तो साल 2020 में अपराधिक मामलों में गिरावट देखने को मिली है। कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में पूरे देश में अपराध की घटनाओं में कुछ हद तक कमी देखी गई है। इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य लगातार तीसरे साल में भी वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटीजन) के रहने के लिए सुरक्षित राज्य बना हैं। इसका दावा एनसीआरबी के द्वारा जारी किए आंकड़ों से किया गया है।
दरअसल, साल 2020 में देश में वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े अपराध के 24,794 मामले दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार देश में सीनियर सिटीजन के साथ अपराध की बात करें तो महाराष्ट्र में 2020 में सर्वाधिक 4909 मामले दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश 4602 मामलों के साथ दूसरे और गुजरात 2785 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे कम अपराध के हिसाब से देखें तो मणिपुर में सात, असम में छह, झारखंड में दो, मेघालय में तीन, सिक्किम में दो और उत्तराखंड में चार मामले दर्ज किए गए।
वहीं मामले में सीनियर सिटीजन नरेश दुआ का कहना है कि जिस प्रकार उत्तराखंड की आबो हवा है वह सीनियर सिटीजन के लिए अच्छी है। ये राज्य सीनियर सिटीजन के लिए सुरक्षित है। यहां पुलिस भी उनके साथ एक अच्छा बर्ताव करती है और किसी दिन थाने में भी जाना पड़े तो उनकी शिकायत को प्राथमिकता मिलती है। प्रवक्ता पुलिस हेडक्वार्टर श्वेता चौबे का कहना है कि साल 2020 की रिपोर्ट में अगर अपराध को देखें तो उत्तराखंड में क्राइम घटा है और पुलिस का प्रदर्शन बढ़ा है। सीनियर सिटीजन में भी पुलिस ने अच्छा काम किया है, जिस पर सीनियर सिटीजन के मामलों में भी बहुत गिरावट आई है।
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वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित उत्तराखंड, एमपी को दूसरे नंबर पर -एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा