नई दिल्ली । आईटी सेक्टर की कंपनी फ्रेशवर्क्स अमेरिकी बाजार में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (सास) कंपनी बन गई है। 500 से अधिक कर्मचारी अब करोड़पति: फ्रेशवर्क्स ने लिस्टिंग से पहले आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लॉन्च किया था। इस आईपीओ में जिन निवेशकों ने दांव लगाया, उनको स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के साथ ही जबरदस्त मुनाफा हुआ है। फ्रेशवर्क्स की शानदार शुरुआत की बदौलत, भारत में कंपनी के 500 से अधिक कर्मचारी अब करोड़पति हैं और उनमें से लगभग 70 की उम्र 30 साल से कम है। टेक फर्म के शेयर बुधवार को न्यूयॉर्क ट्रेडिंग में 47।55 डॉलर पर बंद हुए, जिससे इसका मार्केट कैपिटल 13 बिलियन डॉलर का हो गया। फ्रेशवर्क्स की स्थापना भारत में 2010 में गिरीश मातृभूमि और शान कृष्णासामी द्वारा चेन्नई में की गई थी। इस कंपनी ने सिलिकॉन वैली का रुख किया। हालांकि, कंपनी के पास चेन्नई में पर्याप्त कार्यबल है। फ्रेशवर्क्स के वैश्विक स्तर पर 4,300 कर्मचारी हैं और 76 फीसदी कर्मचारियों के पास कंपनी में शेयर हैं। बता दें कि कि फ्रेशवर्क्स ने आईपीओ के जरिये अमेरिका में 91।2 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा था। अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) को भेजी सूचना में फ्रेशवर्क्स इंक ने बताया था कि उसकी योजना 2।85 करोड़ श्रेणी ए सामान्य शेयरों की पेशकश अधिकतम 32 डॉलर प्रति शेयर के मूल्य पर करने की है।
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भारत की आईटी कंपनी के 500 कर्मचारी बने करोड़पति