डोडोमा । अफ्रीकन बुलफ्रॉग जिसे सांड मेंढक भी कहते हैं ये अद्भुत और निराली होती है। यह मेढक जहरीले सांपों को भी हजम कर जाती है। ये मेंढक की एक ऐसी मस्कुलर प्रजाति होती है जिसकी औसतन लंबाई 10 से 12 इंच तक और औसतन वजन 1.4 किलोग्राम से लेकर 2 किलोग्राम तक का होता है लेकिन कई बार इनका वजन 3 से 3.4 किलोग्राम तक का भी हो जाता है।
तंजानिया में काम कर रहे पेशे से जियोफिजिसिस्ट रत्नेश पांडे ने बताया है कि ऐसा मेंढक सिर्फ और सिर्फ अफ्रीका में ही पाया जाता है। अफ्रीकन बुलफ्रॉग बहुत ही जहरीले होते हैं। अफ्रीकन बुलफ्रॉग अफ्रीका के तंजानिया, अंगोला, बोत्सवाना, केन्या, मलावी, मोजाम्बिक, नामिबिया, दक्षिण अफ्रीका, स्वाजीलैंड, जाम्बिया, जिम्बाब्वे और कांगो में बहुतायत मे पाए जाते हैं। अफ्रीकन बुलफ्रॉग व्यवहार मे काफी आक्रामक और खतरनाक होते हैं। अफ्रीकन बुलफ्रॉग के खतरनाक व्यवहार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की ये भूखे होने पर जहरीले सांपों तक को अपना निवाला बना लेते हैं। वैसे भी अफ्रीकन बुलफ्रॉग अपने खाने मे चूहों, मेंढकों, छोटे पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों और विषैले सांपों को खाना पसंद करते हैं। अफ्रीकन बुलफ्रॉग आमतौर पर नम सवाना की घासों, दलदली जमीन, शुष्क झाड़ी, नहरों, चरागाहों , कृषि योग्य भूमि, मीठे पानी के झील, नदियों और खाई में रहते हैं और ये उष्णकटिबंधीय मौसम के अनुकूल होते हैं।
अफ्रीकन बुलफ्रॉग ज्यादातर समय के लिए मिट्टी की सतह के नीचे रहते हैं और केवल अनुकूल समय में जमीन की सतह से बाहर निकलते हैं जो बारिश में होता है। अफ्रीकन बुलफ्रॉग पानी से भरे जिन स्रोतों मे रहते है वहां पर अपनी एक अलग टेरिटरी बना लेते है। यहां किसी और जीव जंतु को आने नहीं देते और चेतावनी के रूप मे जोरदार क्रॉकिंग और धमाकेदार आवाज निकालते हैं। प्रजनन काल के दौरान अफ्रीकन बुलफ्रॉग अत्यधिक खतरनाक और हिंसक हो जाते हैं और मादा अफ्रीकन बुलफ्रॉग को पाने के लिए नर अफ्रीकन बुलफ्रॉग आपस मे खूनी जंग करते हैं। इस जंग के दौरान दो नर अफ्रीकन बुलफ्रॉग की लड़ाई में एक को जान से हाथ धोना पड़ता है और उसके बाद ही विजेता नर अफ्रीकन बुलफ्रॉग मादा अफ्रीकन बुलफ्रॉग के साथ प्रजनन करता है।
मादा अफ्रीकन बुलफ्रॉग पानी से भरे स्रोतों, जैसे तालाब, गड्ढों, नदियों में एक समय में लगभग 3,000 से 4,000 तक अंडे देती है। अंडों से टैडपोल के कायापलट का समय लगभग तीन सप्ताह का होता है और अंडों से टैडपोल के विकास के दौरान नर अफ्रीकन बुलफ्रॉग उनकी रक्षा करता है। वह तब तक उन टैडपोल की रक्षा करना जारी रखता है, जब तक वे टैडपोल विकसित होकर अपनी खुद की रक्षा करने में समर्थ नहीं हो जाते है।अफ्रीकन बुलफ्रॉग जहां पर रहते हैं वहां चौपाये जानवर जैसे गाय, बैल, हिरन , कुत्ता और अन्य चौपाये जानवर जाने मे डरते हैं क्योंकि उन्हें अफ्रीकन बुलफ्रॉग से काटने का डर लगा रहता है।
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अद्भुत और निराली होती है अफ्रीकन बुलफ्रॉग -जहरीले सांप तक खा जाता है यह मेंढक