नई दिल्ली । दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉउन्सिल और दक्षिण पश्चिम जिला प्रशासन के सहयोग से निर्यातकों के लिए प्रदर्शनी आयोजित की। यह आयोजन स्वतंत्रता के 75वें साल के राष्ट्रीय उत्सव ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘वाणिज्य सप्ताह’ के अंतर्गत किया गया। प्रदर्शनी का आयोजन भारत से निर्यात किए गए उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए और निर्यात के लिए सरकार के सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में हमारी आर्थिक प्रगति और भारत की वास्तविक निर्यात क्षमता को प्राप्त करने के लिए भविष्य के रोडमैप के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किया गया था।
इस अवसर पर डी.एस.ई.यू. के वाईस चांसलर प्रो. (डॉ.) नेहारिका वोहरा ने कहा, “यह उद्योग और छात्रों के बीच के अंतर को कम करने की ओर हमारा एक और कदम है। दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी का उद्देश्य देश में कौशल के मापदंड को बढ़ाना और कुशल जनशक्ति को बढ़ावा देना है, जो देश को विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करेंगे। वैश्विक स्तर पर भारत को एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए व्यापारियों और उद्यमियों की सहायता करने और उनकी वस्तुओं व सेवाओं के मूल्य वृत्ति में निर्यात (एक्सपोर्ट) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस दौरान दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट नवीन अग्रवाल ने कहा कि हमें दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी के साथ ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में जिला स्तर पर आजादी के 75 साल का जश्न मानाने की ख़ुशी है। कुशल जनशक्ति का मूल्य सदा अनिवार्य है। प्रदर्शनी का यह उद्देश्य है कि हम लोगों को निर्यात क्षेत्र से पहचान कराएं और उन्हें इस छेत्र के अवसरों के बारे में जागरूक करें। यह प्रयास हमें उद्योग और छात्रों के बीच के अंतर को कम करने में मदद करेगा। डी.एस.ई.यू. को इसे आगे ले जाने के लिए शुभकामनाएं।
प्रदर्शनी में, विभिन्न स्वयं सहायता समूहों जैसे सचित, जीरो आयुर्वेदिक एकरा ज्योति, आश्रयियन, सैफी, श्री गणेश स्वयं सहायता समूह, बजरंग, और रक्षा (द सेवियर) के प्रतिनिधियों ने हस्त निर्मित रसोई के सामान, कपड़े, बैग, झुमके एवं हस्तशिल्प और जैविक वस्तुओं सहित उत्पादों को प्रदर्शित किया। इको लेदरेट, टर्न हील, रक्षा संस्थान, ट्रेंडी सेलर एंड हैंडीक्राफ्ट्स, ला जोएरिया कैंडल्स जैसे संगठनों ने भी प्रदर्शनी में उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। इस मौके पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी स्टॉल लगाया गया।
प्रतिभागियों, छात्रों और संकाय को संबोधित करते हुए विदेश व्यापार (डी.जी.एफ.टी), भारत सरकार के उप महानिदेशक अनुपम ने कहा कि विभाग, राज्य में निर्यातकों को उत्पाद और बाज़ार की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित करने और निर्यातकों के लिए इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। डी.जी.एफ.टी द्वारा ‘डिस्ट्रिक्ट हब एक्सपोर्ट इनिशिएटिव’ को जमीनी स्तर पर हस्तशिल्प और निर्मित उत्पादों के निर्यात में तेजी लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कौशल और उद्यमिता के प्रति सहयोग और जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित निर्यात प्रदर्शनी में भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधियों की भागीदारी भी देखी गई। एस.बी.आई के मुख्य प्रबंधक प्रणय मोहंती ने विभिन्न उद्योग प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उद्यमियों के सामने आने वाली विभिन्न बैंकिंग चुनौतियों के बारे में जानकारी साझा की और एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में उपलब्ध निधिकरण अवसरों के बारे में भी बताया।
प्रदर्शनी में 20 से अधिक निर्यातकों और छोटे व्यवसायों ने विभिन्न प्रकार के हस्त निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल लगाए। डी.एस.ई.यू. द्वारका कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में 500 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों, गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, संकाय सदस्यों और निर्यातकों ने भाग लिया।
रीजनल नार्थ
दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ आयोजित किया एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव