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( अनुकरणीय निर्णय) मध्य प्रदेश में एम् बी बी एस छात्रों कोआर. एस. एस., चरक, सुश्रुत को पढ़या जाना उचित हैं  

( अनुकरणीय निर्णय) मध्य प्रदेश में एम् बी बी एस छात्रों कोआर. एस. एस., चरक, सुश्रुत को पढ़या जाना उचित हैं  

जब तक हम अपने इतिहास को नहीं जानेंगे तब तक हमारे विकास के द्वार बंद रहते हैं। यह बात हर क्षेत्र में लागू होती हैं और यदि हम शोधार्थी हैं तो हमें पूर्व में क्या क्या हो चुका उसके बाद में ही हम नयी बात खोजेंगे। आज का छात्र सुचना तंत्र के माध्यम से जानकार जरूर हो गया पर उसे ज्ञान नहीं हैं। ज्ञान और सुचना में मात्र इतना अंतर् हैं जैसे हम भोजन करते हैं और उसके बाद जो पाचन होता हैं वह हमारे शरीर के लिए फलीभूत होता हैं और यदि वह भोजन अपचित हो जाय तो वह ग्रहण किया गया अन्न अर्थहीन हो जाता हैं। 
अधिकांश लोग इतिहास से अनभिज्ञ हैं, इतिहास का आशय मात्र पुराने समय की राजनैतिक बातें न होकर हर विषय का इतिहास जानना जरुरी हैं, यानि स्वास्थ्य, धर्म राजनीति, राजा महाराजों आदि के बारे में जानकारी होना अनिवार्य हैं जो हमारी नींव का काम करती हैं और हमारी नींव जितनी मजबूत होगी हमारा भवन उतना उत्तंग और शक्तिशाली होगा। 
सरकार ने यह बात को मेडिकल कॉलेज में लागु किया हैं ऐसे सभी विषयों में कोर्स में लागू करना चाहिए जो जिनकी विधाएँ हो। हमने महापुरुषों, वीर पुरुषों, आदि की जानकारी नहीं प्राप्त करने पर हम अपने गौरवपूर्ण इतिहास से अनजान हैं। 
चिकित्सा क्षेत्र में आचार्य चरक और महर्षि सुश्रुत आदि अनेक विद्वानों ने चिकित्सा क्षेत्र, शल्य चिकित्सा, शलयानकय तंत्र कौमार्य प्रसूति तंत्र आदि में बहुत जानकारियां दी हैं जो वर्त्तमान में भी कारगर हैं और रहेंगी। आयुर्वेद अष्टांग हैं जो सम्पूर्ण चिकित्सा से परिपूर्ण हैं। आयुर्वेद के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत आज भी उपयोगी हैं। इसके अलावा अन्य राजनैतिक महापुरुषों, ऐतहासिक पुरुषों, लेखकों, विद्वानों साहित्यकार आदि की भी जानकारियां देना जरुरी हैं। एक चिकित्सक का शिक्षक होना, ज्ञानवान होना और सभी विषयों की जानकारी होना जरुरी हैं। 
चरक संहिता, सुश्रुत संहिता में जो अद्वितीय ज्ञान का भण्डार भरा पड़ा हैं वह एक ज्ञान की किरण को उदघाटित करेगा और मेरा पूर्ण विश्वास हैं की एलॉपथी छात्रों को आयुर्वेद की जानकारी मिलने पर रुझान बढ़ेगा। यदि एक भी छात्र अनुसन्धान में रूचि लेगा तो वह देश का नाम रोशन करेगा। मध्य प्रदेश सरकार का निर्णय प्रशंसनीय हैं।
(लेखक- विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन)

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