मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बैंक से दूसरे वित्तीय संस्थानों में कर्ज के स्थानांतरण को लेकर मास्टर दिशानिर्देश जारी किया। इसके तहत कर्ज देने से जुड़े संस्थानों को इस प्रकार के लेन-देन के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ एक व्यापक नीति तैयारी करनी होगी। आरबीआई ने कहा कि कर्ज देने वाले संस्थान विभिन्न कारणों से कर्ज स्थानांतरण का सहारा लेते हैं। इसमें नकदी प्रबंधन, उनके जोखिम या रणनीतिक बिक्री को पुनर्संतुलित करना शामिल है। साथ ही कर्ज मामले में एक मजबूत द्वितीयक बाजार नकदी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त तरीके उपलब्ध कराने में मदद करेगा। रिजर्व बैंक के निर्देश के प्रावधान बैंकों, आवास वित्तय कंपनियों, नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), भारत निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) समेत सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर लागू होंगे। मास्टर निर्देश में विभिन्न श्रेणी के कर्ज को रखने की न्यूनतम अवधि का भी प्रावधान किया गया है। उस अवधि के बाद ही कर्ज एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसमें कहा गया है, ‘‘कर्ज देने वाले संस्थानों को इन दिशानिर्देशों के तहत ऋण के स्थानांतरण और अधिग्रहण के लिए बोर्ड से मंजूरी के साथ एक व्यापक नीति बनानी होगी। भारतीय रिजर्व बैंक निर्देश (कर्ज स्थानांतरण), 2021 पर मसौदा दिशानिर्देश को पिछले साल जून में विभिन्न पक्षों की टिप्पणी के लिए जारी किया गया। टिप्पणियों पर विचार करने के बाद इस पर अंतिम निर्देश शुक्रवार को जारी कर दिये गये। आरबीआई ने कहा कि निर्देश तत्काल प्रभाव से अमल में आ गए हैं।
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आरबीआई ने कर्ज स्थानांतरण पर मास्टर निर्देश जारी किया