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 पहली बार मिले तो बाइडेन ने गर्मजोशी से किया पीएम मोदी का स्वागत, बैठक में साझा हितों पर की चर्चा 

 पहली बार मिले तो बाइडेन ने गर्मजोशी से किया पीएम मोदी का स्वागत, बैठक में साझा हितों पर की चर्चा 

वाशिंगटन । पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में बाइडन ने कहा कि आने वाले समय में दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका एक दूसरे के निकट सहयोगी के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में शुरू हुआ यह नया दौर बेहद सकारात्मक, समावेसी और शांतिपूर्ण परिस्थियां उपलब्ध कराने वाला है।
इस बैठक में कोरोना महामारी से लड़ाई, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग समेत प्राथमिकता के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ बाइडन की यह पहली मुलाकात थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ इस बैठक को बेहद अहम करार दिया। उन्होंने बाइडन से कहा यह दशक कैसा आकार लेगा, इसमें आपका नेतृत्व निश्चित रूप से अहम भूमिका निभाएगा। भारत और अमेरिका के बीच और मजूबत दोस्ती के लिए बीज बोए जा चुके हैं। 
पीएम मोदी ने कहा कि इस दशक का भविष्य प्रतिभा और लोगों से लोगों के संबंधों से तय होगा। मुझे खुशी है कि अमेरिका की प्रगति की दिशा में भारतीय प्रवासी सक्रिय योगदान दे रहे हैं। मौजूदा समय में प्रौद्योगिकी प्रेरक शक्ति बन रही है। दुनिया के अधिक से अधिक कल्याण के लिए और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए हमें हमारी प्रतिभाओं का बखूबी इस्तेमाल करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों में व्यापार एक अहम क्षेत्र है जिसमें काफी कुछ करने की जरूरत है।
वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही शक्तिशाली, मजबूत बनना और करीब आना है। आज भारत और अमेरिका संबंधों का एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। बाइडन ने यह भी कहा कि मेरा मानना है कि अमेरिका और भारत के संबंध वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने में काफी मदद कर सकते हैं। अगले हफ्ते महात्मा गांधी की जयंती का जिक्र करते हुए बाइडन ने कहा, 'यह हम सभी को अहिंसा, सम्मान, सहिष्णुता के संदेश की याद दिलाता है जो आज पहले से कहीं ज्यादा मायने रखता है।' इस पर मोदी ने कहा गांधी जी ने ट्रस्टीशिप के बारे में बात कही थी जो आने वाले समय में हमारी दुनिया के लिए बेहद अहम है। 
बाइडन ने कहा मेरा लंबे समय से मानना रहा है कि भारत-अमेरिका रिश्ते कई वैश्विक चुनौतियों को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। 2006 में मैंने कहा था कि 2020 तक भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देशों में शामिल होंगे। आज भारत-अमेरिका रिश्तों के इतिहास में हम नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। साझा प्रतिबद्धताओं के साथ हम कुछ सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।' बाइडन ने कहा कि कोरोना से लड़ाई, जलवायु परिवर्तन की चुनौती, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायित्व सुनिश्चित करने के बारे में वह और प्रधानमंत्री मोदी बात करेंगे। 
उन्होंने कहा हम जो करते हैं, उससे हमारी साझेदारी कहीं अधिक है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखने की हमारी साझा जिम्मेदारी, विविधता की हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता और हमारे पारिवारिक संबंधों के बारे में है, जिनमें 40 लाख भारतीय अमेरिकी प्रतिदिन अमेरिका को मजबूत बनाते हैं। 
बैठक के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध भरोसे की साझीदारी है। वैश्विक स्तर पर हम बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच वैश्विक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत हुई। विस्तृत एजेंडे में रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्थिक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और लोगों से लोगों के संबंध शामिल है। बागची ने कहा कि प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस के रुजवेल्ट रूम में विजिटर बुक पर हस्ताक्षर भी किए।
 

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