जिनेवा । जबरन सत्ता पर काबिज दो देशों अफगानिस्तान और म्यांमार को संयुक्त राष्ट्र ने आइना दिखाकर तालिबान सरकार व म्यांमार को यूएन महासभा के लिए प्रवेश नहीं दी गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की उच्चस्तरीय आम चर्चा के आखिरी दिन के वक्ताओं की ताजा सूची के अनुसार अफगानिस्तान तथा म्यामांर के नाम सूची में नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा था कि फिलहाल सूची में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के तौर पर गुलाम एम इसकजई का नाम है। म्यामांर में सत्ता हस्तांतरण के बाद उसके सैन्य शासकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में म्यांमाई राजदूत क्यॉ मुई तुन को हटा दिया गया है।वे चाहते हैं कि उनकी जगह आंग थुरीन को बनाया जाए। तालिबान ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को पत्र लिखकर कहा था कि उनके प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का राजदूत बनाया जाए।उच्चस्तरीय आम चर्चा शुरू होने की पूर्वसंध्या पर 20 सितंबर को महासचिव को ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान, विदेश मंत्रालय के लैटरहैड पर पत्र मिला था जिसमें विदेश मंत्री के तौर पर अमीर खान मुत्ताकी के दस्तखत थे। इसमें 21 से 27 सितंबर तक आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में भाग लेने का अनुरोध किया गया था।
महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा था कि पत्र में संकेत है कि 15 अगस्त, 2021 की स्थिति के अनुसार मोहम्मद अशरफ गनी को सत्ता से बाहर कर दिया गया है तथा (दुनियाभर के अन्य देश) अब उन्हें राष्ट्रपति नहीं मानते। काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान का कब्जा होने के बाद गनी देश छोड़कर गए थे। उन्होंने जून 2021 में गुलाम इसकजई को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का राजदूत नियुक्त किया था। तालिबान ने खत में इशारा किया कि स्थायी प्रतिनिधि का मिशन अब पूरा समझा जाए और इसकजई अब अफगानिस्तान की नुमाइंदगी नहीं करते। तालिबान ने दोहा में पदस्थ अपने प्रवक्ता शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का नया स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया है।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तालिआन और म्यांमार को दिखाया आइना, दोनों को यूएन महासभा में प्रवेश नहीं दिया