YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

पाकिस्तान में बेरोजगारी चरम पर, चपरासी के एक पद के लिए 15 लोगों ने दिया आवेदन 

पाकिस्तान में बेरोजगारी चरम पर, चपरासी के एक पद के लिए 15 लोगों ने दिया आवेदन 

इस्लामाबाद । हाल ही में आई रिपोर्ट ने पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था के बीच बेरोजगारी की काली सच्चाई को भी उजागर किया है। इमरान सरकार लोगों को रोजगार देने में असफल साबित हुई है,इसकारण पाकिस्तान में बेरोजगारी दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि चपरासी के एक पद के लिए 15 लाख लोगों ने आवेदन किया है।सोमवार को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई ) के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह इमरान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के 6.5 प्रतिशत के दावे के विपरीत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 24 प्रतिशत शिक्षित लोगों के पास फिलहाल कोई नौकरी नहीं है। 
निराशा की बात है कि एम.फिल जैसी डिग्री रखने वाले भी चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन करने को मजबूर हैं। पाकिस्तान की सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) द्वारा प्रकाशित श्रम बल सर्वेक्षण (एलएफएस) के अनुसार 2017-18 में पाकिस्तान की बेरोजगारी 5.8 फीसदी से बढ़कर 2018-19 में 6.9 फीसदी हो गई है।इमरान के सत्ता में आने पहले वर्ष में पुरुषों और महिलाओं दोनों के मामले में बेरोजगारी में वृद्धि देखी गई, पुरुष बेरोजगारी दर 5.1 फीसद से बढ़कर 5.9 फीसद और महिला बेरोजगारी दर 8.3 फीसद से बढ़कर 10 फीसद हो गई।
रिपोर्ट ने बेरोजगारी की बढ़ती दर की एक गंभीर तस्वीर को उजागर कर कहा है कि देश में इस समय कम से कम 24 फीसदी शिक्षित लोग बेरोजगार हैं। योजना और विकास पर सीनेट की स्थायी समिति को अपनी ब्रीफिंग में पीआईडीई ने कहा कि देश भर में 40 फीसद शिक्षित महिलाएं (स्नातक से कम या स्नातक) भी बेरोजगार थीं।रिपोर्ट के मुताबिक उच्च न्यायालय में एक चपरासी के पद के लिए कम से कम 15 लाख लोगों ने आवेदन किया था। अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे। 
 

Related Posts