नई दिल्ली । बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के मामले में ममता सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी कर केंद्र से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बंगाल सरकार ने नोटिस जारी करने का मामला बनाया है। हम केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए कम समय देंगे। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।
सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार ने कहा जांच पैनल के सदस्य भाजपा से जुड़े हैं। कानूनी मुद्दों को आपराधिक कानून से निपटने की जरूरत है, कमेटी द्वारा नहीं। ये जांच संघीय ढांचे के खिलाफ है। मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद जो घटनाएं हुईं, उन्हें भी चुनाव के बाद की हिंसा की श्रेणी में रखा गया। अगर राज्य की एजेंसियां सही तरीके से काम नहीं कर रही हैं तो केस-टू-केस के आधार पर केस ट्रांसफर करें। लेकिन यहां, कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा सभी मामलों को एक साथ ट्रांसफर कर दिया गया है। सीबीआई एक केंद्रीय एजेंसी है जो राजनीतिक बदले में काम कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों की दलील सुनने के बाद केन्द्र, सीबीआई, चुनाव आयोग, और हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता रहे लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की उस याचिका को स्वीकार किया, जिसमें चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य ने जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी करने का मामला बनता है, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
कपिल सिब्बल ने सीबीआई की कार्रवाई पर रोक लगाने कि मांग की, जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश नहीं जारी करेंगे।
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बंगाल में चुनावी हिंसा पर ममता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस दिया