नई दिल्ली । पीरामल एंटरप्राइजेज ने संकटग्रस्त कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) को 38,050 करोड़ रुपये में खरीद लिया है।पीरामल ने इस आईबीसी के रास्ते होनेवाला वित्तीय क्षेत्र का पहला सफल समाधान बताया है। डील के मुताबिक पीरामल इसके लिए 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान कैश और नॉन-कन्वर्टिबिल डिबेंचर के कॉम्बिनेशन के रूप में करेगी। इसके बाद बाकी का भुगतान वह कर्ज चुकाने में करेगी। गौरतलब है कि डीएचएफएल के 94 फीसदी देनदार ने पीरामल की समाधान योजना के समर्थन में वोट किया था। पीरामल ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक , भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और भारतीय कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल से भी मंजूरी हासिल की है। कंपनी ने बताया कि डीएचएफएल के करीब 70,000 देनदार हैं, जिनमें से करीब 46 फीसदी को इस समाधान योजना से उनका बकाया मिल जाएगा।
कंपनी ने बताया कि डील के बाद पीरामल कैपिटल एवं हाउसिंग फाइनेंस (पीसीएचएफएल) और डीएचएफएल का विलय कर दिया जाएगा। इसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी पीरामल एंटरप्राइजेज की होगी। विलय के बाद यह देश की प्रमुख हाउसिंग फाइनेंस कंपनी बन जाएगी। नई कंपनी किफायती मकानों को लोन देने पर जोर देगी और इसके पास करीब 10 लाख ग्राहक होने वाले है। गौरतलब है कि पीसीएचएफएल फिलहाल देश के 24 राज्यों में कारोबार करती है। इसकी 301 ब्रांच हैं जिनमें करीब 2,338 कर्मचारी काम करते हैं।
वित्तीय कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के लिए पीरामल, अडानी समेत चार कंपनियों ने बोली लगाई थी, लेकिन बाद में इसमें पीरामल को जीत मिली। डीएचएफएल दिवालिया प्रक्रिया में रखी गई पहली वित्तीय सेवा कंपनी थी। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) को दिए 3,688.58 करोड़ रुपये के लोन को फ्रॉड घोषित किया था।
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पीरामल एंटरप्राइजेज ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को खरीद लिया