नई दिल्ली । पंजाब में कांग्रेस का संकट बढ़ता जा रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिद्धू के इस्तीफे के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट बुलाई है।उधर सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान सिद्धू के रवैये से नाराज है और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मामले पर कड़ा फैसला भी ले सकता है।पार्टी ने सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चन्नी को सौंपी है। इसी बीच पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत का चंडीगढ़ दौरा रोक दिया गया है और वे सियासी उथलपुथल के बीच चंडीगढ़ नहीं जाएंगे।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी आलाकमान ने अभी तक सिद्धू से बात नहीं की है और उनका इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया है।पार्टी सिद्धू को टाइम देना चाहती है, लेकिन अगर वे तैयार नहीं होते हैं, पार्टी कड़ा फैसला भी ले सकती है। साथ ही उन मंत्रियों के खिलाफ पार्टी एक्शन ले सकती है,जो मुख्यमंत्री चन्नी की बुलाई बैठक में नहीं पहुंचते है।
बता दें सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।सिद्धू के अलावा कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है। सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नए मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। राजनीतिक संकट के बीच कई नेता सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे।
हालांकि सिद्धू ने नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। लेकिन पार्टी हलकों में इसकी वजह नए मुख्यमंत्री द्वारा उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग आवंटित किए जाने, नए कार्यवाहक पुलिस प्रमुख और राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति पर उनकी नाराजगी मानी जा रही है।उधर कैप्टन ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफे के बाद पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने आपसे कहा था… वह स्थिर व्यक्ति नहीं हैं और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है।
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नवजोत सिद्धू से कोई बात नहीं करेगी आलकमान, मनाने की जिम्मेदारी सीएम चन्नी को दी