नई दिल्ली । वर्क फ्रॉम होम के कारण सबसे ज्यादा डाइजेशन की समस्या आ रही है और चीकू इस समस्या को सबसे ज्यादा आसान बना सकता है।चीकू आलू की तरह दिखने वाला फल है, जो हर मौसम में आसानी से मिल जाता है। न्यूट्रिशियनिस्ट राजुता दिवेकर परेशानी को दूर करने के लिए कुछ खास फूड्स लेने की सलाह दे रही हैं। चीकू को कई और नामों से भी जाना जाता है।चीकू में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं।
रोजाना एक ताजा चीकू को अपनी डाइट में शामिल करने से कई फायदे मिल सकते हैं।यह प्रीबायोटिक होता है।यानी इसे खाने से पेट में गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है।साथ ही इसमें फाइबर मौजूद होता है, जो डाइजेशन को आसान बनाता है।इसके अलावा यह कंस्टीपेशन की समस्या को भी दूर करता है।चीकू में एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह शरीर में फ्री रेडिकल नहीं बनने देता।फ्री रेडिकल के कारण कई बीमारियां होती हैं।जब कोई व्यक्ति बहुत सुस्ती महसूस करता है या शरीर पर एजिंग के निशान आने लगते हैं, तो इसका मतलब है कि फ्री रेडिकल उसे नुकसान पहुंचा रहा है।फ्री रेडिकल को खत्म करने के लिए ताजा फल जरूरी है।इसके लिए चीकू सटीक फल है।चीकू कब्ज और दस्त जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है।इसके अलावा अतिसार, एनिमिया व हृदय रोगों से भी बचा सकता है।चीकू यूरिन में जलन को दूर करता है।चीकू शेक को एनर्जी ड्रिंक के तौर पर भी पिया जा सकता है क्योंकि इसमें ग्लूकोज काफी मात्रा में पाया जाता है।चीकू में कैल्शियम व आयरन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद माना जाता है।यानी वर्क फ्रॉम होम के दौरान ज्याद देर तक स्क्रीन पर रहने के कारण यदि आंखो में परेशानी है, तो चीकू का सेवन फायदेमंद होता है।
बता दें कि वर्क फ्रॉम होम में गतिहीन लाइफस्टाइल सबसे बड़ी समस्या है। इससे फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर असर पड़ रहा है। पूरा दिन अपने कमरे में चेयर पर बैठने के कारण सबसे ज्यादा डाइजेशन संबंधी दिक्कतें आती हैं।इसके अलावा एक जगह देर तक बैठने से बोन और सेक्शुअल हेल्थ भी प्रभावित होती है।स्क्रीन पर देर तक रहने के कारण सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है।
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चीकू बना सकता है डाइजेशन की समस्या को आसान -चीकू में पाए जाते हैं एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण