नई दिल्ली । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इन्फोसिस के एक कर्मचारी तथा उससे जुड़े व्यक्ति (विप्रो के कर्मचारी) पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार को लेकर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। नियामक ने यह कदम इन्फोसिस के शेयरों में कथित रूप से भेदिया कारोबार के लिए उठाया है। सेबी के 27 सितंबर के अनुसार इन कर्मचारियों की 2.62 करोड़ की गैरकानूनी कमाई को भी जब्त कर लिया जाएगा।
सेबी की सतर्कता व्यवस्था पर इन्फोसिस के शेयर को लेकर भेदिया कारोबार से संबंधित सूचना आई थी। यह चेतावनी उस समय आई थी जबकि इन्फोसिस की वैनगार्ड के साथ रणनीतिक भागीदारी की घोषणा होने वाली थी। यह सूचना सौदे से संबंधित अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) थी। यूपीएसआई की अवधि 29 जून, 2020 से 14 जुलाई, 2020 थी। इन्फोसिस के समाधान डिजाइन प्रमुख रमित चौधरी वैनगार्ड सौदे से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे और उनके पास यूपीएसआई तक पहुंच थी। वहीं केयुर मानियार जो कि अभी विप्रो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री प्रमुख (एमडी) हैं, रमित से जुड़े थे। वैनगार्ड से संबंधित सौदे की घोषणा से पहले केयुर ने एफएंडओ खंड में इन्फोसिस के शेयरों में खरीद-फरोख्त की। इसलिए प्रथम दृष्टया यह भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन का मामला है। इस तरह की गतिविधियों से 2,62,30,620 रुपये की कमाई की गई।
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सेबी ने भेदिया कारोबार में इन्फोसिस-विप्रो के कर्मचारियों पर शेयर बाजार में कारोबार पर रोक लगाई -जब्त की जाएगी 2.62 करोड़ की गैरकानूनी कमाई