काठमांडू । भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान अब नेपाल को अपने पाले में करने की कोशिश में जुट गया है। बुधवार देर शाम नेपाल में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त अदनान जावेद खान ने नेपाली आर्मी चीफ प्रभुराम शर्मा से मुलाकात की। अदनान जावेद नेपाल में पाकिस्तानी दूतावास के प्रभारी भी हैं। किसी राजनयिक की किसी देश के सेना प्रमुख से मुलाकात आमतौर पर नहीं देखी जाती। भारत यह जानने का प्रयास कर रहा है कि आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है।
नेपाली सेना ने इस मुलाकात को लेकर बाकायदा बयान जारी किया है। बयान में बताया गया है कि इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई। नेपाल सेना का मानना है कि इस तरह की बैठक से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी। सन 2018 में नेपाल के तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल राजेंद्र छेत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया था।
माना जा रहा है कि भारत को काउंटर करने के लिए पाकिस्तान हर कीमत पर नेपाल के साथ दोस्ती करना चाहता है।
वह जानता है कि आपसी संबंधों को विकसित करने के लिए उसके पास सेना को छोड़कर कोई भी साधन नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान ने नेपाली सेना के साथ सीधे तौर पर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तानी सेना भारतीय सीमा के नजदीक नेपाल के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास करने की प्लानिंग में भी है। पाकिस्तान यह जानता है कि नेपाल की शेर बहादुर देउबा सरकार किसी भी कीमत पर भारत से बैर मोल नहीं लेगी। नेपाली कांग्रेस से प्रमुख और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के पहले से ही भारत के साथ अच्छे संबंध हैं।
वह जानते हैं कि पाकिस्तान से दोस्ती करने में नेपाल को कोई लाभ नहीं है। इससे भारत नाराज होगा और सीधा नुकसान उनके देश को होगा। पाकिस्तानी राजदूत का नेपाली सेना प्रमुख से मिलना एक चाल भी हो सकती है। कोरोना महामारी के बाद आर्थिक संकट में घिरे नेपाल में पाकिस्तान को मौका नजर आ रहा है। वह अपने सदाबहार दोस्त चीन की मदद से भारत के सबसे नजदीक के पड़ोसी में में से एक देश के साथ दोस्ती करना चाहता है। ऐसे में पाकिस्तान, नेपाल के साथ मिलकर भारत पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक चाल चल रहा है।
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पाक राजनयिक अदनान जावेद खान ने नेपाल के सेना प्रमुख से की मुलाकात