
युवा ऑलराउंडर विजय शंकर ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे की उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से लक्ष्य का पीछा करने की कला सीखना है। शंकर अब धोनी की तरह मैच फिनिश करना चाहते हैं। शंकर ने कहा, 'मैं अनुभवी खिलाड़ियों का साथ पाकर खुश था। उन्हें केवल मैच की तैयारियां करते हुए देखना ही सीख है। धोनी को लक्ष्य का पीछा करते हुए देखकर मैंने काफी कुछ सीखा। मैंने विशेषकर लक्ष्य का पीछा करते हुए पारी को कैसे आगे बढ़ाना है, इसको लेकर काफी कुछ सीखा। मैंने उनकी मानसिकता से सीख ली।' इस युवा ऑलराउंडर ने कहा कि धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना उनके लिए सपने जैसा था। शंकर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी टी20 मैच में तीसरे नंबर पर उतारे जाने पर हैरानी जताई थी लेकिन उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन ने सीरीज शुरू होने से पहले उन्हें इस बारे में बताया था।
उन्होंने कहा, 'मैं हैरान था लेकिन साथ ही खुश भी था कि मुझे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया है। मुझे सीरीज शुरू होने से पहले बताया गया था कि मुझे पहले नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा जा सकता है। टी20 में आपके पास क्रीज पर पांव जमाने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता और ऐसे में आपका रुख सकारात्मक होना चाहिए।' शंकर को निराशा है कि वह तीसरे टी20 में टीम को जीत नहीं दिला पाए।