आजकल के बच्चों को हाथ से लिखने की बजाय कंप्यूटर और मोबाइल पर टाइप करना ज़्यादा आसान और मॉडर्न लगता है! यही वजह है कि हैंडराइटिंग (लिखावट) सुधारने की तरफ़ न तो बच्चे ध्यान देते हैं और न ही टीचर्स इस दिशा में प्रयास करने की जरुरत समझते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि भविष्य में सफल होने के लिए लिखावट अच्छी होनी बहुत ज़रूरी है। लिखावट पर ग़ौर करके व्यक्ति का स्वभाव व व्यक्तित्व जाना जा सकता है।
आमतौर पर बच्चे हैंडराइटिंग की तरफ़ ध्यान नहीं देते. उन्हें लगता है कि पढ़ाई में अच्छा परफ़ॉर्म करने के लिए हैंडराइटिंग का सुंदर होना उतना ज़रूरी नहीं है, लेकिन उनकी ये सोच तब ग़लत साबित हो जाती है जब परीक्षा में सारे सही जवाब लिखने के बावजूद खराब लिखावट के कारण उन्हें कम मार्क्स मिलते हैं। लिखावट ख़राब होने के कारण टीचर्स उनके पेपर्स ठीक से पढ़ नहीं पाते, जिसके कारण जवाब सही होते हुए भी उन्हें कम अंक मिलते हैं। अतः लिखावट का सुंदर और स्पष्ट होना बेहद ज़रूरी है। अगर आप भी अपने बच्चे की ख़राब हैंडराइटिंग को उसकी सफलता की राह का रोड़ा नहीं बनने देना चाहती हैं, तो हैंडराइटिंग सुधारने के लिए इन बातों पर ध्यान दें।
स्टडी टेबल की ऊंचाई सही होः बच्चे के स्टडी टेबल की ऊंचाई सही होनी चाहिए। टेबल इतनी ऊंची होनी चाहिए, जिस पर बच्चा आराम से कोहनियां टिका कर लिख सके। साथ ही कुर्सी भी ऐसी होनी चाहिए, जिस पर बैठने पर बच्चे के पैर आसानी से ज़मीन तक पहुंच जाएं।
पेंसिल ग्रिपः बच्चे को पेंसिल पकड़ने का सही तरीक़ा बताएं। ग़लत तरी़के से पेंसिल पकड़ने से लिखने में कठिनाई होती है और लिखावट भी बिगड़ जाती है। बच्चे को पेंसिल अंगूठे और दूसरी उंगली के बीच में रखकर पेंसिल के ऊपरी भाग को पक़ड़कर लिखना सिखाएं। इस तरह से पेंसिल पकड़ने से बच्चे को लिखने में आसानी होगी।
अगर आप अपने बच्चे को अलग-अलग तरह की राइटिंग स्टाइल सिखाना चाहती हैं, तो बच्चे के सामने उस स्टाइल का मॉडल होना ज़रूरी है। इसके लिए नोटबुक के हर पन्ने पर एक-एक अल्फ़ाबेट लिखकर बच्चे को प्रैक्टिस करने को कहें। ऐसा करने से वह नई स्टाइल आसानी से सीख पाएगा।
पहला पाठः छोटे बच्चे को लिखना सिखाने के लिए डेस्कटॉप व्हाइट बोर्ड व मार्कर का इस्तेमाल करें। बोर्ड पर कुछ लिखकर बच्चे को बताएं कि लेटर किस तरह से शुरू किया जाता है और किस तरह से स्ट्रोक बनाए जाते हैं? बच्चे को तब तक इस लेटर की कॉपी करने दें जब तक वह इसे सही ढंग से लिखना नहीं सीख जाता। एक बार जब बच्चा बोर्ड पर लिखना सीख जाए तो उसे पेपर पर लाइन के बीच में लिखना सिखाएं। अपनी निगरानी में उससे अभ्यास करवाएं और उसकी हैंडराइटिंग पर ध्यान दे। अच्छा लिखने पर बच्चे की तारीफ़ करें, इससे उसका उत्साह बढ़ेगा और वो ज़्यादा अच्छी हैंडराइटिंग में लिखने की कोशिश करेगा।
राइटिंग प्रोजेक्ट्स देकर भी बच्चे को हैंडराइटिंग सुधारने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। आप उसे कई प्रॉजेक्ट्स दे।
फैंसी पेपर पर कविता लिखने के लिए कहें और उसे दीवार पर लटकाएं।
कोई कविता कॉपी करने के लिए कहें और इसे पोइट्री बुलेटिन बोर्ड या बच्चे की नोटबुक में रखें।
अलग-अलग तरह के कार्ड बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
ड्रॉइंग बनाकर उसका शीर्षक लिखने के लिए कहें।
सभी अक्षर एक ही लाइन में लिखें।
सभी अक्ष्रर एक जैसे होने चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि कुछ अक्ष्रर सीधे और कुछ झुके हुए न हों।
शब्दों के बीच कितनी जगह छोड़नी है, इसका भी ध्यान रखें।
नया पैराग्राफ़ शुरू करने से पहले दो उंगली का गैप छोड़ें।
आपके बच्चे की लिखावट उसके व्यक्तित्व को दर्शाती है।
साइंस & टेक्नोलॉजी
इस प्रकार बेहतर होगी बच्चों की लिखावट