मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि जून के आखिर में भारत का विदेशी कर्ज 571.3 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया, जो कि मार्च 2021 के अंत में रहे कर्ज के मुकाबले 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि, सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले विदेशी ऋण अनुपात जून 2021 के आखिरी में घटकर 20.2 प्रतिशत रह गया, जो 31 मार्च को 21.1 प्रतिशत पर था। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मूल्यांकन प्रभाव को यदि शामिल नहीं किया जाए तो, मार्च 2021 के आखिर के मुकाबले जून आखिर में विदेशी ऋण में 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर के बजाय 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई होती। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी कर्ज में वाणिज्यिक उधारी का सबसे बड़ा हिस्सा रहा है। यह कुल कर्ज का 37.4 प्रतिशत रहा है। इसके बाद प्रवासी भारतीय जमा का बड़ा हिस्सा 24.8 प्रतिशत पर रहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 30 जून को, लंबी अवधि का कर्ज (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता के साथ) 468.8 अरब अमेरिकी डॉलर था, मार्च के अंत में अपने स्तर से 0.2 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की है। कुल विदेशी ऋण में अल्पकालिक ऋण का हिस्सा 30 जून को मामूली रूप से बढ़कर 17.9 प्रतिशत हो गया, जो मार्च के आखिर में 17.7 प्रतिशत था।
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देश का विदेशी ऋण जून आखिरी तक 571.3 अरब डॉलर पहुंचा: आरबीआई