देश में सूखे की वजह से पशु आहार की कीमतें बढ़ने के कारण सरकार ने दो सरकारी कंपनियों को सुविधापूर्ण 15 फीसदी आयात कर पर 1,00,000 टन मक्का के आयात को मंजूरी दे दी है। एमएमटीसी और नेफेड दोनों में प्रत्येक को चालू वित्त वर्ष के दौरान 50,000 टन मक्का के आयात की मंजूरी मिल गई है। गौरतलब है कि भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा मकई उत्पादक है। दक्षिण पूर्व एशिया में कुछ साल पहले तक मकई का एक प्रमुख निर्यातक रहा भारत अब एक आयातक में बदल गया है। इसके पीछे मुख्य कारण सूखे की वजह से उत्पादन घटना और देश के मुर्गीपालन उत्पादकों और मकई स्टार्च निर्माताओं की ओर से मांग में वृद्धि है। जानकारों का मानना है कि भारत की स्थिति में बदलाव ने ब्राजील, अर्जेंटीना और अमेरिका जैसे प्रतिद्वंद्वी आपूर्तिकर्ताओं को खुश कर दिया है, जो अब दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजार में नई दिल्ली का स्थान ले चुके हैं।