नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार में जुलाई में मंत्री बनाए गए अजय मिश्रा पहली बार लखीमपुर खीरी में हुए बवाल के बाद चर्चा में आए हैं। भले ही इस विवाद के बाद देश भर में उनके नाम की चर्चा हुई है, लेकिन लखीमपुर खीरी में वह लंबे समय से एक मजबूत और दबंग नेता माने जाते रहे हैं। जिले में 'टेनी महाराज' के नाम से लोकप्रिय अजय मिश्रा कुश्ती के बहुत शौकीन रहे हैं और हर साल दंगल का आयोजन कराते हैं। फिलहाल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे अजय मिश्रा इलाके के बड़े कारोबारी भी हैं। राइस मिल, कई पेट्रोल पंप चलाते हैं और बड़े पैमाने पर खेती की जमीन के भी मालिक हैं। टेनी महाराज दो बार खीरी लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं। 2009 में राजनीति में एंट्री करने से पहले वह वकालत के पेशे से जुड़े थे। 1990 के दशक में मिश्रा परिवार कानपुर से लखीमपुर खीरी शिफ्ट हो गया था। फिलहाल यूपी के तराई के इलाके में अजय मिश्रा को दबंग नेताओं में शुमार किया जाता है। यही नहीं 2003 में तिकुनिया नगर पंचायत में एक मर्डर केस में भी उनका नाम आया था। इसके अलावा एक बार सुनवाई के दौरान उन पर कोर्ट में हमला हुआ था और गोली लगने के बाद भी वह बाल-बाल बचे थे। अजय मिश्रा 2004 में मर्डर केस से बरी हुए तो फिर राजनीति का रुख कर लिया। 2009 में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2012 में बीजेपी से निघासन विधानसभा सीट से उतरे थे। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की लहर के बाद भी वह जीतने में कामयाब रहे थे। उनकी इस जीत से पार्टी का भरोसा बढ़ा और फिर 2014 में उन्हें लोकसभा का टिकट मिल गया। यहां भी वह सफल रहे और एक लाख से ज्यादा वोटों से उन्हें जीत मिली। यही नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में तो उनकी जीत का अंतर बढ़ते हुए दोगुना हो गया। इस बार वह 225,000 वोटों से एसपी कैंडिडेट पूर्वी वर्मा के खिलाफ जीत गए। उनकी इस जीत और ब्राह्मण नेता होने के चलते मोदी सरकार में इसी साल जुलाई में उन्हें एंट्री दी गई। वह यूपी से भाजपा की केंद्र सरकार में हिस्सा बनने वाले अकेले ब्राह्मण चेहरे हैं। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि हाल ही में जितिन प्रसाद की एंट्री के चलते उन्हें इतनी तवज्जो मिली। दरअसल जितिन प्रसाद को ब्राह्मण नेता बताया जा रहा था और कहा गया कि ऐसा करके पार्टी अपने ही चेहरों को कमजोर कर रही है। इसके बाद अजय मिश्रा टेनी को मंत्री बनाकर प्रमोट किया गया।