नई दिल्ली । अंशु मलिक विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी हैं। 19 साल की अंशु ने सेमीफाइनल में जूनियर यूरोपीय चैम्पियन सोलोमिया विंक को हराया। अंशु ने सेमीफाइनल मुकाबले में शुरू ही अपनी बढ़त बनाये रखी। इसके बाद तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत दर्ज करके 57 किलो वर्ग के फाइनल में जगह बनायी। वहीं भारत की ही सरिता मोर को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। सरिता अब कांस्य के लिये उतरेगी। सरिता को बुल्गारिया की बिलयाना झिवकोवा ने 3-0 से हराया। उसने गत चैंपियन लिंडा मोराइस को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
भारत की ही किरन ने 76 किग्रा वर्ग में तुर्की की आयसेगुल ओजबेगे के खिलाफ रेपेचेज दौर का मुकाबला जीतकर कांस्य पदक के प्लेऑफ में जगह बनाई पर पूजा जाट (53 किग्रा) को रेपेचेज मुकाबले में इक्वाडोर की एलिजाबेथ मेलेन्ड्रेस के खिलाफ पराजय का सामना करना पड़ा। रितु मलिक 68 किग्रा वर्ग के क्वालीफिकेशन मुकाबले में युक्रेन की अनास्तासिया लेवरेनचुक से केवल 15 सेकेंड में ही हार गयीं।
इससे पहले भारत की ही चार महिला पहलवानों ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता था पर इन सभी को कांस्य ही मिला था। पहलवान गीता फोगाट ने साल 2012 में, बबीता फोगाट ने 2012 में , पूजा ढांडा ने 2018 और विनेश फोगाट ने 2019 में कांस्य हासिल किया था।
अंशु विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय महिला पहलवान हैं। उनसे पहले सुशील कुमार ने साल 2010 और बजरंग पूनिया ने साल 2018 में पदक जीता था। इनमें से सुशील को ही स्वर्ण पदक मिला था।
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अंशु विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी कांस्य के लिए उतरेगी सरिता