नई दिल्ली । फसल बर्बाद हुई, कर्ज से कोई छूट मिली नहीं। नतीजा यह हुआ कि किसान क्रेडिट कार्ड के डिफाल्टर घोषित हो गए। वर्ष 2021-22 में अब तक 25 हजार 712 केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान एनपीए घोषित हो चुके हैं। तीन साल में किसानों के खाते का एनपीए औसत बढ़ा है। नगराम निवासी किसान संतोष कुमारी भी इस डिफॉल्टर सूची में शामिल हैं। उनका कहना है कि बैंक ऑफ इंडिया से खाद, बीज के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लिया था। उसी बीच अतिवृष्टि के कारण उनकी फसल बर्बाद हो गई। खाद और बीज भी महंगे हो गए हैं। ऐसे में वह डेढ़ लाख का कर्ज अदा नहीं कर पाईं। समेसी के किसान राम आधार ने यूको बैंक की शाखा से खाद-बीज के लिए एक लाख रुपए का कर्ज लिया था। एक बार ओले पड़ने से फसल बर्बाद हुई। दूसरी बार फसलों में बीमारी लग गई। अब यह एक लाख रुपए का कर्ज उनके लिए सिरदर्द बन चुका है। ऐसे भी किसान हैं जिनके बेटे की कोरोना काल में नौकरी चली गई। घर का खर्च खेती और बेटों की कमाई से चल रहा था। बेटों की नौकरी छूटी तो महंगाई में दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया। खेती के लिए कर्ज लिया तो उसको भर नहीं पाए और बैंक के बकाएदारों की सूची में नाम आ गया। लखनऊ के बैंक इस बार किसान क्रेडिट कार्ड वितरित करने में आगे रहे। बैंकों को 32 हजार 112 आवेदन मिले जिनमें 31 हजार 447 कार्ड लाभार्थियों तक स्वीकृत हो कर पहुंच गए। बैंक ऑफ इंडिया ने 2997 में से 2922 लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किया।
इकॉनमी
25 हजार किसान क्रेडिट कार्ड के डिफाल्टर