काबुल । अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद पहली बार अमेरिका और तालिबान आमने-सामने आए हैं।दोहा में अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात हुई है। वार्ता के बाद अमेरिका का कहना है, कि वे तालिबानी सरकार को मान्यता दिए बिना अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के लिए तैयार है। इसके अलावा अमेरिका का कहना था कि तालिबान को उसके बयानों से नहीं बल्कि उसके कार्यों से आंका जाएगा।अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने दोहा वार्ता के दौरान तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा की।इसमें आतंकवाद, सुरक्षा, आतंकवाद, विदेशी नागरिकों की सुरक्षा शामिल थी।इसके अलावा लड़कियों और महिलाओं के मुद्दों पर भी दोनों देशों ने बात की।
हालांकि, तालिबान के भी वार्ता के दौरान तेवर तीखे थे।कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने अमेरिका को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वहां अफगानिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश ना करें।उन्होंने कहा था कि हमने उन्हें साफ तौर पर कह दिया है, कि अफगानिस्तान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश भी मत करना वर्ना ये किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।अमीर खान ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध होना हर किसी के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में मौजूदा सरकार को कमजोर बनाने के लिए किसी भी तरह की साजिश रची जाती है,तब ये बाकी दुनिया के लिए भी समस्या पैदा कर सकता है।
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तालिबान की अमेरिका को चेतावनी, सरकार को अस्थिर करने की कोशिश नहीं करे, वर्ना अच्छा नहीं होगा