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 इनकम टैक्स अधिकारियों के उड़े होश, बिना दरवाजे वाली अलमारी में नकद 142 करोड़ 

 इनकम टैक्स अधिकारियों के उड़े होश, बिना दरवाजे वाली अलमारी में नकद 142 करोड़ 

हैदराबाद । देशभर में इनकम टैक्स के छापा मारना आम बात हैं।टैक्स चोरी पकड़ने के लिए ये छापेमारी होती रहती है।लेकिन हैदराबाद में छापे के दौरान इनकम टैक्स अधिकारियों के होश उड़ गए। इसकी वजह थी अलमारियों में पड़ा कैश,वहां भी थोड़ा बहुत नहीं बल्कि 142 करोड़ का कैश। अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां कैसे नजारा होगा। इनकम टैक्स का ये छापा हेटरो फार्मास्यूटिकल ग्रुप के दफ्तर पर पड़ा था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने कहा कि 6 अक्टूबर को राज्य के 50 स्थानों पर छापेमारी की गई थी।इस दौरान अब तक लगभग 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है। जबकि 142 करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि जब्त की है।कंपनी के अधिकारियों से फिलहाल इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं दी है। 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया, छापेमारी के दौरान, कई बैंक लॉकरों का पता चला जिनमें से 16 लॉकर चालू स्थिति में थे।छापेमारी में अब तक 142.87 करोड़ की बेहिसाबी नकद राशि जब्त की गई है।पता लगी बेहिसाबी आय अब तक तकरीबन 550 करोड़ रुपये तक की है।
बता दें कि सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करता है।सीबीडीटी ने कहा कि इस ग्रुप का फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) आदि के निर्माण के कारोबार है और ज़्यादातर उत्पादों को अमेरिका और दुबई जैसे देशों और कुछ अफ्रीकी और यूरोपीय देशों को निर्यात किया जाता है।फर्जी और गैर-मौजूद संस्थाओं से की गई खरीद में धोखाधड़ी का पता चला है।इसके अलावा, ज़मीन की खरीद के लिए पैसे के भुगतान के सबूत भी मिले थे।
सीबीडीटी ने कहा है कि डिजिटल मीडिया, पेन ड्राइव, दस्तावेजों आदि के रूप में अपराध साबित करने वाले दस्तावेज मिले जिन्हें जब्त कर लिया गया और समूह द्वारा बनाए गए एसएपी और ईआरपी सॉफ्टवेयर से डिजिटल ‘साक्ष्य’ एकत्र किए गए।कोविड-19 के इलाज के लिए रेमेडेसिविर और फेविपिरावीर जैसी अलग-अलग दवाएं विकसित करने के कामों में शामिल रहने के कारण हेटरो समूह सुर्खियों में रहा था।हेटरो समूह के भारत, चीन, रूस, मिस्र, मैक्सिको और ईरान में 25 में अधिक उत्पादन केंद्र हैं। हेटरो ने पिछले महीने कहा था कि उस अस्पताल में भर्ती वयस्कों में कोविड ​​-19 के इलाज के लिए टोसीलिज़ुमैब के बायोसिमिलर (पारंपरिक दवा से मिलता-जुलता) संस्करण के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली है।बता दें कि ये फार्मा कंपनी उन कंपनियों में शामिल है, जिसने भारत में कोविड-19 के टीके स्पूतनिक वी के विनिर्माण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के साथ करार किया है।
 

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