नई दिल्ली । आम आदमी की कार कही जाने वाली मारुति कार की डिलीवरी में विलंब की सूचना है। सुजुकी इंडिया ने पिछले महीने सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी के कारण उत्पादन में 51 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी है। एक नियामक फाइलिंग में ऑटो प्रमुख मारुति ने बताया कि सितंबर 2020 में 81,278 इकाइयों का उत्पादन किया गया। वही बीते साल इसी अवधि में 1,66,086 इकाइयों का उत्पादन किया गया था।
कंपनी ने कहा कि "सितंबर 2021 में कंपनी की उत्पादन मात्रा इलेक्ट्रॉनिक घटकों की कमी के कारण प्रभावित हुई थी, पिछले महीने कुल पैसेंजर वाहन यूनिट का उत्पादन 77,782 इकाई रहा, जबकि सितंबर 2020 में यह आंकड़ा 1,61,668 था। वहीं ऑल्टो और एस-प्रेसो मिनी कारों का उत्पादन पिछले महीने 17,163 यूनिट रहा, जो एक साल पहले 30,492 यूनिट था। इसी तरह, वैगनआर, सेलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर सहित कॉम्पैक्ट कारों का निर्माण 90,924 इकाइयों से घटकर 29,272 इकाई रह गया।
इसके साथ ही कंपनी ने बताया कि जिप्सी, अर्टिगा, एस-क्रॉस, विटारा ब्रेज़ा और एक्सएल 6 का उत्पादन पिछले महीने घटकर 21,873 इकाई रह गई, जो 2020 के इसी महीने में 26,648 इकाई था। कंपनी ने सितंबर 2020 में 11,183 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने अपनी ईको वैन के उत्पादन में 8,025 इकाइयों की गिरावट दर्ज की। एमएसआई ने कहा कि उसके हल्के वाणिज्यिक वाहन सुपर कैरी का उत्पादन पिछले महीने 3,496 इकाई रहा, जबकि एक साल पहले महीने में यह 4,418 इकाई था। इससे पहले एमएसआई ने अगस्त में कुल उत्पादन में सालाना आधार पर 1,13,937 इकाइयों में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की थी। 31 अगस्त को, ऑटो प्रमुख ने घोषणा की थी कि उसे सेमीकंडक्टर की कमी के कारण हरियाणा और गुजरात में अपने संयंत्रों में सितंबर में कुल वाहन उत्पादन सामान्य उत्पादन का सिर्फ 40 प्रतिशत होने की उम्मीद है। इसके साथ ही हरियाणा में गुड़गांव और मानेसर संयंत्रों में कंपनी की उत्पादन क्षमता लगभग 15 लाख यूनिट प्रति वर्ष है।
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सेमीकंडक्टर चिप की कमी, मारुति कारों की डिलीवरी के लिए करनी पड़ सकती है लंबी प्रतीक्षा