वॉशिंगटन । चीन की सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि यह अपेक्षाकृत कम प्रभावशाली है और 60 साल से अधिक उम्र के लोग जिन्हें चीनी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें कोरोना वैक्सीन की एक तीसरी खुराक भी दी जानी चाहिए। डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन एडवाइजरी ने सोमवार को इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड यानी कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को डब्ल्यूएचओ की ओर से अधिकृत सभी कोविड-19 टीकों की एक अतिरिक्त खुराक देने की सिफारिश की।
डब्ल्यूएचओ की रणनीतिक टीकाकरण पर विशेषज्ञों के सलाहकार समूह ने कहा कि मध्यम और गंभीर रूप से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को एक अतिरिक्त खुराक दी जानी चाहिए। इन व्यक्ति में टीके के पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया करने की संभावना कम और गंभीर कोविड-19 बीमारी का जोखिम बहुत ज्यादा होता है। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 60 से अधिक लोग, जो चीन की सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन लगवा चुके हैं, उन्हें कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक दी जानी चाहिए। समूह ने कहा, ‘सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन के लिए होमोलॉगस वैक्सीन की एक अतिरिक्त (तीसरी) खुराक 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी जानी चाहिए।’
सेज ने कहा कि इस सिफारिश को लागू करते समय देशों को शुरू में ज्यादा से ज्यादा लोगों को दो खुराक देने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके बाद तीसरे डोज की तैयारी शुरू करनी चाहिए। सबसे पहले बुजुर्गों की इसकी खुराक देनी चाहिए। विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि वे बड़े पैमाने पर आबादी के लिए एक अतिरिक्त कथित बूस्टर खुराक की सिफारिश नहीं कर रहे हैं।
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डब्ल्यूएचओ बोला- चीन की वैक्सीन कम प्रभावशाली, लोग तीसरी डोज भी लगवाएं