नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी चार महीने से ज्यादा का समय बचा है लेकिन यहां सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के बीच जंग अभी से छिड़ चुकी है। पीएम मोदी और सीएम योगी की अगुवाई में बीजेपी ने इस तरह का पॉलिटिकल एजेंडा सेट किया है कि विरोधी चाहकर भी उनकी रणनीति की काट नहीं खोज पा रहे हैं। इस स्थिति में विपक्ष एक बार फिर से 'सॉफ्ट हिंदुत्व' वाली राजनीति पर आश्रित हो गया है। विपक्षी पार्टियां अब वही कर रही हैं, जिसके लिए वह बीजेपी पर हमला किया करती थीं। इसका नमूना ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने भी अपने-अपने चुनाव जीतकर दिखाया और अब प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव के साथ मायावती भी इसी राह पर हैं। हालांकि, सवाल अब भी यही है कि क्या ममता और केजरीवाल की तरह ही बाकी तीन नेताओं की नैया पार लग पाएगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को बनारत पहुंच यूपी विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका। वह एयरपोर्ट से सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर गईं जहां पूजा-अर्चना के बाद प्रियंका कुष्मांडा मंदिर पहुंचीं। काशी में हुई अपनी रैली के दौरान प्रियंका ने त्रिपुंड तिलकर धारण किया था। इसके साथ ही वह गले में तुलसी, रूद्राक्ष और मौली पहने दिखीं। अपने भाषण में प्रियंका ने यह भी बताया कि उन्होंने उपवास किया हुआ है और भाषण की शुरुआत ही उन्होंने 'जय माता दी' से की। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति जनता के सामने रख दी है। इस दौरान मायावती ने कहा कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो काशी, मथुरा और अयोध्या में जारी विकास कार्यों को चुनाव बाद भी रोका नहीं जाएगा। इतना ही नहीं, कुछ समय पहले ही बीएसपी ने ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया था, जहां पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने राम लला की पूजा की थी। इस बीच समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का राज्य के एक मंदिर से दूसरे मंदिर जाना जारी है। माघ मेला के दौरान अखिलेश ने संगम नदी में डुबकी भी लगाई थी। इसके अलावा उन्होंने भरत कूप में डुबकी लेने के बाद चित्रकूट में भी मंदिर में पूजा-अर्चना की। मिर्जापुर दौरे पर अखिलेश ने मां विंध्यावासिनी की पूजा की और काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर भी गए। अखिलेश यह भी ऐलान कर चुके हैं कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद वह अपने पूरे परिवार के साथ वहां जाएंगे। अखिलेश ने सैफई में भगवान कृष्ण की 51 फीट लंबी प्रतिमा भी लगवाई है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने अपने हिंदुत्व एजेंडा में किसी तरह की कमी नहीं रखी। 'जय श्री राम' का नारा तो ममता बनर्जी के खिलाफ काफी इस्तेमाल किया गया। वहीं, इसके जवाब में ममता बनर्जी ने भी चंडी पाठ किया तो कभी मंदिर गईं। इतना ही नहीं ममता ने चुनावी प्रचार के दौरान यह तक कहा कि वह हिंदू की बेटी हैं और बीजेपी उन्हें हिंदुत्व न सिखाए। ममता से पहले बीजेपी की दिल्ली चुनाव के दौरान भी यही रणनीति थी और इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल को भी हनुमान मंदिर जाते देखा गया। आम आदमी पार्टी ने सुंदरकांड के पाठ तक करवा डाले, जिसके बाद बीजेपी दिल्ली चुनाव में पीछे रह गई
रीजनल नार्थ
ममता और केजरीवाल की राह चल बीजेपी को हरा पाएंगे अखिलेश, प्रियंका और माया