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 गुजरात और मप्र से भी अब विदा ले चुका है मानसून  -दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश का दौर अभी भी जारी 

 गुजरात और मप्र से भी अब विदा ले चुका है मानसून  -दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश का दौर अभी भी जारी 

नई दिल्ली। देश के अधिकांश हिस्सों से मानसून विदा हो चुका है। हालांकि, दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश का दौर अभी भी जारी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात और मध्य प्रदेश के बचे हुए हिस्सों से भी अब मानसून विदा ले चुका है। साथ ही विभाग ने जानकारी दी थी कि बारिश का दौर थमने के बाद अब एमपी में न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाने लगी है। इसके अलावा विभाग ने यह भी बताया है कि महाराष्ट्र और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। मौसम विभाग हैदराबाद के निदेशक के नागरत्ना ने जानकारी दी है कि गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मणिपुर और तेलंगाना, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों से मानसून विदा हो गया है।
  हालांकि, उत्तरी अंडमान समुद्र और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। आईएमडी के मुताबिक, इसके चलते बुधवार को केरल और माहे के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और करईकल में भी आज बारिश होगी। साथ ही इन क्षेत्रों में 16 अक्टूबर तक बारिश का दौर जारी रहेगा। खबर है कि मौसम विभाग ने 12 से लेकर 16 अक्टूबर तक राजधानी दिल्ली में ग्रीन अलर्ट जारी किया है। अनुमान लगाया गया है कि 16 अक्टूबर को गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना के साथ बादल छाए रहेंगे। केरल में कई हिस्सों में मंगलवार को लगातार भारी बारिश के कारण नदियों एवं बांधों में जलस्तर बढ़ गया, त्रिशूर एवं कोझिकोड के कई हिस्सों से लोगों को निकालकर राहत एवं पुनर्वास शिविरों में पहुंचाया गया जबकि मल्लापुरम में दो बच्चियों की मौत हो गई। मौसम विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोझिकोड, पलक्कड़, मल्लापुरम और वायनाड जैसे विभिन्न जिलों के लिए 15 अक्टूबर से पहले तक नारंगी और पीले अलर्ट जारी किये हैं। ऑरेंज और यलो अलर्ट क्रमश: मूसलाधार एवं भयंकर वर्षा के संकेत हैं। चेतावनी जारी किये जाने तथा नदियों एवं बांधों में लगातार जलस्तर बढ़ने के बाद त्रिशूर, कोझिकोड और मल्लापुरम के जिला प्रशासन हरकत में आ गये और उन्होंने उन परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाना शुरू कर दिया है जो प्रभावित हैं या जिनके प्रभावित होने की आशंका है। वायनाड, कन्नूर और कसारगोड के जिला प्रशासन ने कहा कि वे किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं जो वर्षा की वजह से उत्पन्न हो सकती हैं, उन्होंने मछुआरों एवं निचले क्षेत्र में रहने वालों को सचेत रहने की ताकीद की है। राज्य में वर्षा के कारण कई सड़कों एवं निचले हिस्सों में पानी भर गया है।
 

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