श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान हर रोज नई साजिश रच रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर में पॉलिटिकल किलिंग के लिए यूपी और बिहार के शूटर्स को सुपारी देने की तैयारी की है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आईएसआई ने यूपी-बिहार में मौजूद अपने एजेंटों को इसके लिए निर्देश दिया है। आईएसआई ने अपने गुर्गों से कहा है कि ऐसे शूटरों की पहचान करें, जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड अच्छा हो और जिनका इस्तेमाल घाटी में टारगेटेड किलिंग के लिए किया जा सके। सुपारी के तौर पर किलर को मोटी रकम भी दी जाएगी। आईएसआई का मकसद घाटी में डर और असुरक्षा का माहौल बनाना है। साजिश के मुताबिक अगर वारदात के बाद सुपारी किलर सुरक्षा बलों के हाथों मारे या पकड़े जाते हैं तो आईएसआई और पाकिस्तान आसानी से पल्ला झाड़ सकते हैं। इंटेलिजेंस इनपुट ने साजिश के बारे में खुलासा करते हुए कहा है कि आतंकियों के निशाने पर सेब का कारोबार करने वाले व्यापारी भी हैं। एजेंसी ने अपने इनपुट में कहा है कि आतंकियों के निशाने पर ऐसे व्यापारी हैं, जो सेब की खरीददारी करने के लिए शोपियां आ रहे हैं, उन्हें टारगेट करने की तैयारी है।
खासतौर पर हिंदू व्यापारी। इसके अलावा कश्मीर में रेहड़ी और पटरी लगाने वाले ऐसे लोगों को आतंकी निशाना बना सकते हैं, जो कश्मीर के स्थानीय नहीं हैं और लंबे समय से किराए पर रह रहे हैं। आतंकी उन्हें भी निशाना बनाने की फिराक में हैं। श्रीनगर में पिछले हफ्ते आतंकवादियों द्वारा चुनिंदा एवं सिलसिलेवार तरीके से तीन हिंदू एवं एक सिख शिक्षक की हत्या के बाद तीन हजार से अधिक कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों में दहशत का माहौल है, जो घाटी में सात अलग-अलग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि घाटी छोड़कर नहीं जाएं क्योंकि उनके लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है और कहा कि कार्य से अनुपस्थिति पर सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों से कहा गया है कि इन प्रवासी कर्मचारियों को फिलहाल सुरक्षित क्षेत्रों में पदस्थापित किया जाए। सहायक आयुक्त (केंद्रीय) अजीज अहमद राठेर की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है, ‘कश्मीर के संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिया है कि किसी भी आप्रवासी कर्मचारी को जिला या घाटी छोड़ने की जरूरत नहीं है और जो भी काम से अनुपस्थित पाया जाएगा उसके खिलाफ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई होगी।’ संभागीय आयुक्त पांडुरंग के। पोले की अध्यक्षता में श्रीनगर में कश्मीर घाटी के उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ सुरक्षा बैठक के बाद ये निर्देश जारी किए गए। आदेश में कहा गया कि संभागीय आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि इन आप्रवासी कर्मचारियों को सुदूर एवं असुरक्षित क्षेत्रों की तुलना में फिलहाल प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित क्षेत्रों में तैनात किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि कड़ी निगरानी की जा रही है और आप्रवासी कर्मचारियों, सिखों, कश्मीरी पंडितों और मजदूरों के लिए सुरक्षा के उपाय कड़े किए गए हैं।
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कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर अब सेब के कारोबारी भी -टारगेट हत्या के लिए यूपी-बिहार के शूटर्स को सुपारी देने की साजिश