बीजिंग । महामारी कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चीन पर उंगली लगातार उठ रही है, लेकिन डब्ल्यूएचओ अभी तक इस बात का पता नहीं लगा पाया कि क्या चीन के वुहान से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नए सिरे से 26 लोगों की टीम बनाई है, साथ ही कहा है कि यह कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने की आखिर कोशिश होगी।
मालूम हो कि कोविड-19 का पहला मामला चीन के वुहान में दिसंबर-2019 में देखा गया था। चीन ने लगातार इस थ्योरी से इनकार किया है कि वायरस वुहान के एक लैब से लीक हुआ। चीन ने डब्ल्यूएचओ से कहा है कि जांच को लेकर अब और चीन आने की जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस की उत्पति की जांच को लेकर डब्ल्यूएचओ की एक टीम 2021 के शुरुआत में चीनी वैज्ञानिकों के साथ वुहान का दौरा किया था। इस दौरे पर टीम ने करीब 4 सप्ताह बिताए थे। मार्च में एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया कि वायरस संभवतः चमगादड़ या किसी और जानवर से इंसानों में आया था, लेकिन आगे और रिसर्च की जरूरत है। इसी कड़ी में डब्ल्यूएचओ ने नया विशेषज्ञ समूह बनाया है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रॉस एडहेनॉम ग्रेब्रेयेसस ने बताया कि दुनिया भर से मिले 700 आवेदनों में से 26 विशेषज्ञ को उनके वर्ल्ड क्लास एक्सपीरिएंस को ध्यान में रखते हुए चुना गया है। ये एनिमल हेल्थ, क्लिनिकल मेडिसिन, वायरोलॉजी और जीनोमिक्स से जुड़े हैं। कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल टीम की प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने उम्मीद जताई है कि डब्ल्यूएचओ के मिशन को लेकर दुनिया के देश सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस कैसे इंसानों तक पहुंचा इसे लेकर अभी तीन दर्जन से अधिक स्टडी की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ के टॉप इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रयान ने कहा है कि नए पैनल के पास कोरोना वायरस की उत्पति का पता लगाने का यह आखिरी मौका हो सकता है। इस वायरस ने पूरी दुनिया को रोक दिया है। हम एक कदम पीछे हटकर फिर से चीजों को गौर से देख सकते हैं। वायरस की उत्पति को जानने के लिए हमारे पास बहुत बेहतर मौका है।
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कोरोना की उत्पति पता लगाने डब्ल्यूएचओ ने गठित की 'स्पेशल-26' टीम