लखनऊ । कभी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने और फिर उसके बाद सरकार में शामिल होने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर भले ही बाद में सरकार से अलग होकर गठबंधन तोड़ दिए हों लेकिन उनका मोह भाजपा से कम नहीं हुआ है। एक बार फिर उन्होंने भाजपा के साथ जाने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि उन्होंने कुछ शर्ते भी लगायी हैं। उनका कहना है कि जो भी पार्टी इन मांगों पर समझौता करना चाहेगी। 27 अक्टूबर को मऊ के हलधरपुर मैदान में उसके साथ गठबंधन की घोषणा की जाएगी।
राजभर ने संकल्प मोर्चा सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने, देश में पिछड़ी जाति की जातिवार जनगणना, प्रदेश में घरेलू बिजली का बिल माफ करने, सभी को स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा, पुलिस की बॉर्डर सीमा समाप्त करने, पुलिस संगठन पर रोक हटाने, होमगार्ड, पीआरडी और ग्रामीण चैकीदार को पुलिस के बराबर वेतन व मदद की शर्त रखीं हैं। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की स्थापना 27 अक्टूबर 2002 को हुई थी। पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के दलित, वंचित, पिछड़े वर्ग की महापंचायत बुलाई गई है। उसी पंचायत में तय होगा कि हम किसके साथ गठबंधन करेंगे। आजादी के 75 वर्ष में अधिकार से वंचित पिछड़ा अल्पसंख्यक, दलित वर्ग अधिकार दिलाने के लिए पिछड़ा वर्ग भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है। अभी कुछ समय बाद मोर्चा की बैठक रखी गई है। बैठक में 27 अक्टूबर को एक साथ मंच पर दिखने के मुद्दे पर बैठक होगी।
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भाजपा से खत्म नहीं हो रहा ओम प्रकाश राजभर का भाजपा का मोह