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कंधार- शिया मस्जिद पर आत्मघाती हमले में 62 की जान गई, आईएसआईएस ने ली जिम्मेदारी

कंधार- शिया मस्जिद पर आत्मघाती हमले में 62 की जान गई, आईएसआईएस ने ली जिम्मेदारी

काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा शिया समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। यहां शुक्रवार फिर शिया मुसलमानों के लिए बेहद भयावह व काला दिवस रहा। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार की शिया मस्जिद में शुक्रवार को नमाज पढ़ रहे लोगों पर हुए आत्मघाती हमले में 62 लोग मारे गए और 68 घायल हुए। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार आत्मघाती हमलावर ने नमाजियों के बीच आकर खुद को उड़ाया। घटना की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ले ली है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही इसी संगठन के आत्मघाती हमलावर ने कुंदूज शहर की शिया मस्जिद में 80 से ज्यादा नमाजियों की हत्या की थी।
विस्फोट के बाद इमाम बरगाह मस्जिद के भीतर के जो फोटो और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किए गए हैं वे विचलित करने वाले हैं। विस्फोट के बाद जमीन और दीवारें खून से रंग गईं, शरीर का मांस टुकड़ों में तब्दील होकर जहां-तहां बिखर गया। तालिबान सरकार की न्यूज एजेंसी ने 62 लोगों के मरने की पुष्टि की है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के विशेष बल मौके पर पहुंच गए हैं और उन्होंने इलाके को घेरकर लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। प्रशासन ने लोगों से घायलों के इलाज के लिए रक्तदान की अपील की है। वैसे तो तालिबान भी शिया हजारा समुदाय को निशाना बनाते रहे हैं लेकिन हाल के दिनों के हमले आईएसआईएस ने अंजाम दिए हैं। तालिबान और आईएसआईएस सुन्नी मुसलमानों के अतिवादी संगठन हैं।
शिया आबादी के सबसे बड़े देश ईरान ने इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है। काबुल स्थित ईरानी दूतावास ने तालिबान से आतंकी हमले रोकने के लिए पुख्ता बंदोबस्त करने की मांग की है। मालूम हो कि इससे कुछ दिन ही पहले कुंदूज शहर में मस्जिद के भीतर बम धमाका हुआ था जिसमें 80 लोग मारे गए थे ज‍बकि कई घायल हुए थे। इस हमले की जिम्‍मेदारी भी आईएसआईएस ने ही ली थी। यह बम धमाका भी शुक्रवार को दोपहर के समय उस वक्‍त हुआ जब इलाके के शिया मुसलमान बड़ी संख्या में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जमा हुए थे। प्रत्‍यक्षदर्शियों के मुताबिक तेज आवाज के साथ हुए बम धमाके के बाद मस्जिद धुएं से भर गई थी। धुंआ छंटने पर जब आसपास के लोग मस्जिद के भीतर पहुंचे तो लोगों के क्षत विक्षत शव पड़े थे।
यही नहीं महीने की शुरुआत में काबुल में मस्जिद के प्रवेश द्वार पर बम विस्फोट हुआ था जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। यह विस्फोट तब हुआ था जब काबुल की ईदगाह मस्जिद में सत्तारूढ़ तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद की मां की मौत के बाद नमाज पढ़ी जा रही थी। गौरतलब है कि 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से अफगानिस्तान में आईएसआईएस के लगातार हमले हो रहे हैं। सबसे बड़ा हमला 26 अगस्त काबुल एयरपोर्ट के नजदीक हुआ था जिसमें 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए थे।
 

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