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 सिंघु बॉर्डर पर हत्या मामले में सरेंडर आरोपी ने कहा-  मुझे नहीं पछतावा  - संयुक्त किसान मोर्चा ने हत्या मामले में जांच की मांग उठाई

 सिंघु बॉर्डर पर हत्या मामले में सरेंडर आरोपी ने कहा-  मुझे नहीं पछतावा  - संयुक्त किसान मोर्चा ने हत्या मामले में जांच की मांग उठाई

नई दिल्ली । सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। अब इस मामले की आरोपी ने कहा है कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। हत्या करने के कुछ घंटों बाद निहंगों के नीले वस्त्र पहने एक व्यक्ति मीडिया के सामने आया, जिसने दावा किया कि उसने सिख पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने के लिए पीड़िता को सजा दी और उसे मार डाला। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मामले में जांच की मांग उठाई है। हत्या करने वाले सरवजीत सिंह ने बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, अपराधी ने और उसके सहयोगियों ने मीडियाकर्मियों के सामने कहा कि वे फिर से इस तरह की चीजें करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई फिर से ऐसा अपराध करने की हिम्मत करता है तो वे फिर ऐसा कदम उठाएंगे। जब आरोपी से पूछा गया कि क्या उन्हें अपने किए का कोई पछतावा है, तो आरोपी सिंह ने कहा कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं हैं। जब पुलिस ने उसे हिरासत में लिया तो वह जो बोले सो निहाल का नारा लगाते हुए गिरफ्तार हो गया। गौरतलब है ‎कि इस घटना के वायरल हो रहे कथित वीडियो क्लिप में, नीली पगड़ी और चोगा पहने कुछ लोग घायल व्यक्ति के सिर के पास उसके कटे हुए बाएं हाथ के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। लोगों का आरोप है कि पीड़ित ने उनकी धार्मिक पुस्तक का अपमान किया है। 
वीडियो में कथित तौर पर निहंगों को उस आदमी से पूछते हुए दिखाया गया है कि वह कहां से आया था और किसने उसे किताब को अपवित्र करने के लिए भेजा था। लखबीर को पंजाबी में समूह से गुहार लगाते हुए भी सुना जाता है। डीएसपी हंसराज का कहना है कि किसान आंदोलन स्थल के समीप पुलिस बैरिकेडिंग पर एक युवक की लाश को कुछ अज्ञात लोगों ने टांग दिया था। इससे पहले युवक की निर्मम हत्या कर उसके हाथ और पैर काट दिए गए थे। इस मामले पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में एक शख्स को हिरासत में लिया गया है। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पीड़ित की पहचान दलित खेत मजदूर लखबीर सिंह और पंजाब के तरनतारन जिले के गांव चीमा खुर्द के निवासी के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि 35 साल की उम्र में सिंह एक मजदूर के रूप में काम करता था और उसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई आपराधिक रिकॉर्ड या जुड़ाव नहीं था।
 

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