नई दिल्ली । दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल के पास शुक्रवार को हुई एक व्यक्ति की निर्मम हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से इस निर्मम हत्या समेत पूर्व की कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की मांग करने वाली पहले से दाखिल एक याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता स्वाति गोयल एवं संजीव नेवार की ओर से वकील शशांक शेखर झा ने अदालत से आवेदन कर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा गया है कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। वे कोविड-19 के दिशानिर्देशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इसकी वजह से अन्य लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। याचिका में कहा गया है कि आंदोलन की वजह से रोजमर्रा की परेशानियों के अलावा कई अमानवीय घटनाएं सामने आई हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को लखबीर सिंह नामक एक व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया। इससे पहले एक महिला के साथ बलात्कार, लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराना, प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। झा का कहना है विभिन्न कारणों से रिट याचिका पर सुनवाई कई महीनों से टल रही है। यह मामला व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ है। इस लिए इस मामले में तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि याचिका पर 10 मई 2021 को सुनवाई होनी थी, जो 13 मई के लिए टल गई। इसके बाद 31 मई को सुनवाई होनी थी, फिर यह मामला 12 जुलाई के लिए टल गया। इस प्रकार लगातार किसी न किसी कारण से अब तक सुनवाई टलती रही है। इसी वजह से याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग के लिए विशेष उल्लेख के तहत अदालत से आवेदन किया गया है।
सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को पंजाब के तरनतारन जिले के निवासी लखबीर सिंह हत्या कर दी गई। उसका शव धरना-प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर बैरिकेड से लटका मिला था। मृतक का एक हाथ कटा मिला है। आरोप है कि हत्या संबंध निहंग समूह से है। हत्या की वजह गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़ा हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा ने हत्या की घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और इसके पीछे षड्यंत्र की जांच करने की मांग की है।
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शीर्ष कोर्ट पहुंचा सिंघु बॉर्डर पर युवक की हत्या का मामला