नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अहम मीटिंग बुलाई है। इस समन्वय बैठक में भाजपा समेत अपने तमाम आनुषांगिक संगठनों को आरएसएस ने बुलाया है। मंगलवार को शुरू हो रही यह मीटिंग दो दिन तक चलने वाली है, जिसमें चुनाव के अलावा कई नीतिगत मुद्दों को लेकर भी बात हो सकती है। भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा पार्टी के कई और सीनियर नेता एवं केंद्रीय मंत्री भी इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। भाजपा के अलावा आरएसएस से जुड़े कई और संगठन भी इसमें हिस्सा लेंगे, जो शिक्षा, संस्कृति और आर्थिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। आरएसएस और भाजपा के प्रतिनिधियों के बीच अकसर होने वाली इन बैठकों में सरकार के साथ समन्वय और नीतियों को लेकर फीडबैठ पर बात की जाती है। इससे पहले पिछले महीने भी आरएसएस ने 4 दिन लंबा एक सेशन आयोजित किया था, जिसमें आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बात हुई थी। उस मीटिंग को आरएसएस के काडर को चुनाव के लिहाज से तैयार रहने और भाजपा के लिए जीत की राह तैयार करने को कहा गया था। मंगलवार को शुरू हो रही मीटिंग का वक्त काफी अहम है। देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन से जुड़ी हिंसक घटनाएं हुई हैं। इस आंदोलन के एक साल पूरे होने को हैं। ऐसे में संघ की ओर से सरकार को इससे निपटने को लेकर भी सलाह दी जा सकती है। बता दें कि रविवार को ही मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा था कि यदि सरकार एमएसपी गारंटी कानून लाती है तो फिर वे किसानों को मना लेंगे। उन्होंने कहा था कि किसान इससे कम पर नहीं मानेंगे और यह उनके लिए जरूरी है। गौरतलब है कि लखीमपुर में हुई हिंसा के बाद से किसान आंदोलन को लेकर यूपी और केंद्र सरकार पहले ही बैकफुट पर है। यही नहीं इस आंदोलन के चलते पार्टी को यूपी में नुकसान का डर सता रहा है। ऐसे में किसान आंदोलन से निपटने को लेकर भी आरएसएस की ओर से फीडबैक दिया जा सकता है।
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यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव से पहले आरएसएस ने बुलाई अहम मीटिंग