गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के दौरान व्यायाम बच्चे के लिए सुरक्षित है और इससे सीजेरियन सेक्शन की आशंका कम हो जाती है। 16 देशों की 12,500 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करती हैं और सेहतमंद डायट लेती हैं, उनकी डिलीवरी नॉर्मल होती है।
हालांकि डॉक्टर सीजेरियन डिलीवरी को भी सुरक्षित बताते हैं, लेकिन इसके जोखिमों से इंकार नहीं किया जा सकता. इसमें संक्रमण का डर हमेशा बना रहता है क्योंकि डिलीवरी के दौरान शरीर से अत्यधिक खून निकल जाता है और अंगों को हुई क्षति के कारण भी इंफेक्शन का डर रहता है। इसकी वजह से बच्चे को सांस लेने में भी समस्या आ सकती है।
इससे पहले हुए अध्ययन के नतीजों में यह बात सामने आई कि 47 फीसदी महिलाओं का वजन 9वें महीने में अत्यधिक होने के कारण सीजेरियन का रास्ता अपना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर महिलाएं ये सोचती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को दो लोगों के लिए खाना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने 36 क्लीनिकल ट्रायल के डेटा का अध्ययन किया और पाया कि मोटापा सीजेरियन डिलीवरी की सबसे बड़ी वजह है। दरअसल, इस दौरान महिलाएं एक्सरसाइज करना पूरी तरह छोड़ देती हैं और वो ज्यादा से ज्यादा आराम करती हैं, जिसकी वजह से उनका वजन बढ़ जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करने और हेल्दी डायट लेने वाली महिलाओं में वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है। यहां तक उनमें डायबिटीज जैसी बीमारी के विकसित होने का जोखिम भी 24 प्रतिशत कम हो जाता है और उन्हें सीजेरियन सेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती।
ये ना करें
बहुत वसायुक्त चीजें न खाएं
ज्यादा चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों से भी दूर ही रहें
कोल्ड ड्रिंक या इसी तरह की डब्बा बंद चीजों को खाने-पीने से परहेज करें।
इस बात का ध्यान जरूर रखें
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कम से कम 30 मिनट एरोबिक्स एक्सरसाइज करना चाहिए। इसमें दौड़ना, डांस करना और स्वीमिंग शामिल है लेकिन तबियत खराब लगे तो व्यायाम रोक दें।
इस बात का भी ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज अचानक न हो। प्रेग्नेंसी के दौरान योग आसन करना भी लाभकारी होता है।
आरोग्य
गर्भावस्था के दौरान व्यायाम से कम होती है सीजेरियन सेक्शन की आशंका